केंद्रीय कैबिनेट ने फैसला किया है कि गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना को दिसंबर 2028 तक बढ़ा दिया गया है। यह योजना उन परिवारों के लिए एक
नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने फैसला किया है कि गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना को दिसंबर 2028 तक बढ़ा दिया गया है। यह योजना उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और रोजमर्रा के भोजन का इंतजाम करने में मुश्किल महसूस करते हैं। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा देना है ताकि उन्हें भूख की समस्या से न जूझना पड़े।
इस योजना के तहत, गरीब परिवारों को हर महीने मुफ्त में गेहूं और चावल जैसे अनाज मिलते रहेंगे। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी जरूरतमंदों को पर्याप्त मात्रा में अनाज मिलता रहे, जिससे उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें।
इसके साथ ही, कैबिनेट बैठक में सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए भी अहम फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमावर्ती इलाकों में बेहतर बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दिया है। उनका कहना है कि इन इलाकों में मजबूत सड़कों और सुविधाओं से सुरक्षा और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में 2,280 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण के लिए 4,406 करोड़ रुपये के निवेश का फैसला किया है। यह परियोजना स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएं देगी और देश की सुरक्षा को भी मजबूत बनाएगी।
विकास के फायदे
सड़कों के निर्माण से सीमावर्ती इलाकों में यातायात बेहतर होगा, जिससे व्यापार और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। साथ ही, यह सुरक्षा बलों की तैनाती और उनकी गतिविधियों में भी मददगार साबित होगा। सरकार के इस फैसले से साफ है कि वह सीमावर्ती इलाकों के विकास और सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है, जिससे वहां के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा और देश की सुरक्षा भी मजबूत होगी।
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