नई दिल्ली। विदेशी निवेशक भले ही भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हों लेकिन भारतीय बॉन्ड बाजार पर उनका यकीन बढ़ा है। बता दें कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बॉन्ड बाजार में लगातार निवेश कर रहे हैं। जेपी मॉर्गन इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल किए जाने और व्यापक रूप से अर्थव्यवस्था […]
नई दिल्ली। विदेशी निवेशक भले ही भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हों लेकिन भारतीय बॉन्ड बाजार पर उनका यकीन बढ़ा है। बता दें कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बॉन्ड बाजार में लगातार निवेश कर रहे हैं। जेपी मॉर्गन इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल किए जाने और व्यापक रूप से अर्थव्यवस्था के स्थिर परिदृश्य के चलते विदेशी निवेशक खूब निवेश कर रहे हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI Investment) ने इस महीने अब तक देश के लोन या बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश किए हैं।
वहीं इससे पहले एफपीआई ने जनवरी में बॉन्ड बाजार में 19,836 करोड़ रुपये निवेश किए थे, जो कि छह साल से अधिक समय का सबसे ऊंचा मासिक आंकड़ा है। इसके अलावा जून, 2017 में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 25,685 करोड़ रुपये लगाए थे।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों की मानें तो समीक्षाधीन अवधि में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक निकाले। इससे पहले जनवरी में उन्होंने शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये की भारी निकासी की। इस संबंध में जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार के मुताबिक, शेयर और बॉन्ड में इस भिन्न प्रवृत्ति का मुख्य कारण भारतीय शेयर बाजार का ऊंचा मूल्यांकन और अमेरिका में बॉन्ड पर बढ़ता प्रतिफल है।
इसके अलावा मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक – प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि शेयरों से निकासी की मुख्य वजह घरेलू के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में ब्याज दर परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता होना है।
दरअसल, आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई (FPI Investment) ने इस महीने (नौ फरवरी तक) बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 15,093 करोड़ रुपये का निवेश किया है। साथ ही 2024 में एफपीआई का कुल निवेश 34,930 करोड़ रुपये से अधिक हुआ। यही नहीं विदेशी निवेशक पिछले कुछ माहीने से बॉन्ड मार्केट में लगातार पैसा निवेश कर रहे हैं। वहीं दिसंबर, 2023 में उन्होंने बॉन्ड मार्केट में 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का लगाए।
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