पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर एक बार फिर निशान साधा है. उन्होंने कहा कि पीएमओ में सारे फैसले अकेले ही लिए जाते हैं. उनका दावा है कि ना तो अरुण जेटली को नोटबंदी के फैसले की भनक थी और ना ही गृह मंत्री को बीजेपी का पीडीपी से गठबंधन तोड़ने को लेकर फैसले के बारे में पता था.
नई दिल्लीः बीजेपी के पूर्वं नेता यशवंत सिंहा ने एक बार भी नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. शुक्रवार को लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ विषय पर चर्चा के दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा कि एनडीए के शासन काल में प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ में सभी फैसले अकेले ही लिए जाते हैं. उन्होंने यहां तक दावा किया कि गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से बीजेपी का गठबंधन खत्म करने के पार्टी तक की जानकारी नहीं थी.
यहीं नहीं उन्होंने यह भी दावा किया कि खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस बारे में जानकारी नहीं थी कि सरकार नोटबंदी का फैसला लेने जा रही है. सिन्हा ने राफेल डील को भी बड़ा घोटाला करार दिया, उन्होंने कहा कि ये 35 हजार करोड़ रुपये का घोटाला है जो बोफोर्स घोटाले से कहीं बड़ा है. सिन्हा के अलावा अरुण शौरी ने बीजेपी पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि संविधान और लोकतंत्र खतरे में है, उन्होंने कहा कि पीट-पीटकर मार डालने या मॉब लिंचिंग की 72 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. सोहराबुद्दीन मामले में 54 गवाह अपनी बात से पलट चुके हैं. इस सरकार में सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि आज मीडिया सरकार से भयभीत है क्योंकि उसे विज्ञापन बंद होने का डर है. वहीं शत्रुध्न सिन्हा ने कहा कि यदि बीजेपी मुझे पार्टी से बाहर करती है तो मैं उनके विवेक पर सवाल नहीं उठाऊंगा.