नई दिल्लीः गुजरात चुनाव के दौरान जुबानी हमले के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक दूसरे से मिले और हाथ मिलाया. मौका था संसद भवन में हुए आतंकी हमले की 16वीं बरसी का. मगर उनकी ये औपचारिक मुलाकात की खास तस्वीर चंद घंटों बाद एक बार फिर राजनैतिक नफरत में बदल गई. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह गुजरात चुनाव के दौरान पीएम मोदी द्वारा भ्रामक प्रचार करने से दुखी हैं. मनमोहन सिंह ने कहा कि उनके ऊपर सवाल उठाना सरासर गलत है. जिस समय मनमोहन सिंह का बयान टीवी चैनलों पर प्रसारित किया जा रहा था, ठीक उसी समय पीएम मोदी FICCI के वार्षिक कार्यक्रम में बोलते हुए पिछली सरकार (UPA) पर संगीन आरोप लगा रहे थे.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाए कि उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक की. वह बताना चाहते हैं कि पाकिस्तानी अधिकारियों से बैठक के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. मणिशंकर अय्यर के घर पर बैठक जरूर हुई लेकिन बैठक में गुजरात चुनाव पर नहीं बल्कि भारत-पाक संबंधों पर चर्चा हुई थी. देश के पूर्व अधिकारियों पर सवाल उठाना गलत है. बीजेपी ने अय्यर के मामले को चुनावी फायदे के लिए गलत तरीके से प्रचारित किया. उनकी सरकार में राजनीतिक फायदे के लिए किसी को नहीं बख्शा गया. मनमोहन सिंह ने कहा कि बेहतर होगा कि पीएम मोदी अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में लगाएं.
पीएम मोदी को नसीहत देते हुए मनमोहन सिंह बोले कि कांग्रेस को राष्ट्रवाद पर नरेंद्र मोदी से नसीहत नहीं चाहिए. कांग्रेस राष्ट्रवाद का मतलब बखूबी जानती है. मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मोदी अपने बयान के लिए माफी मांगेंगे. अपने बयान में पूर्व पीएम ने पठानकोट हमले को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा. मनमोहन सिंह ने कहा, पठानकोट मामले में भारत सरकार ने पाकिस्तानी एजेंसी को भारत बुलाया, ऐसा नहीं होना चाहिए था. बताते चलें कि पीएम मोदी ने कांग्रेस पर पाकिस्तानी अधिकारियों से गुजरात चुनाव को लेकर बैठक करने के आरोप लगाए थे, जिन्हें मनमोहन सिंह, पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने सिरे से खारिज किया.
गौरतलब है कि बुधवार को संसद भवन में हुए आतंकी हमले की 16वीं बरसी पर केंद्र सरकार और विपक्षी दलों के नेता संसद भवन में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पीएम मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने संसद भवन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी. पक्ष-विपक्ष के सभी नेता एक दूसरे के साथ खुशमिजाजी लहजे में बातचीत करते नजर आए.
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