देश-प्रदेश

पनामा पेपर में पाकिस्तान जैसे नाकाम देश के Ex PM को 10 साल जेल, भारत में कुछ हुआ क्या ?

नई दिल्ली. पनामा पेपर्स लीक में खुलासे के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा. पाकिस्तान जैसे गए-गुजरे देश जिसे कोई नाकाम देश तो कोई सेना के दबदबे वाला अलोकतांत्रिक देश कहता है, वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटा दिया, उनके चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया और अब उनको 10 साल की जेल की सजा भी सुना दी. उनको ही नहीं उनकी बेटी मरयम को 7 साल और दामाद सफदर को 1 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. और एक है हमारा भारत महान.

दुनिया को लोकतंत्र की पाठ पढ़ाने वाला देश. भ्रष्टाचार से लड़ते-लड़ते भ्रष्ट हो गए नेताओं का देश. भ्रष्टाचार हटाने के नाम पर आकर भ्रष्टाचार करने वाली पार्टियों और नेताओं का देश. पनामा पेपर्स में सिर्फ पाकिस्तान के नेताओं का या नवाज शरीफ का नाम नहीं आया था. नवाज के पड़ोसी यानी हमारे भारत के भी कुछ नेताओं, कुछ अभिनेताओं, कुछ उद्योगपतियों के भी नाम आए थे. पनामा पेपर लीक हुआ 2016 में और 2017 में नवाज शरीफ प्रधानमंत्री पद से पैदल हो गए और एक साल बाद जेल की सजा भी हो गई है. हमारे यहां इन दो साल में कुछ हुआ, क्या हुआ, कुछ हो भी रहा है या नहीं, कुछ पता नहीं. सब मौज में हैं. भारत के लोग भी मौज में हैं. उनको शायद फर्क नहीं पड़ता.

पाकिस्तान या भारत के अलावा भी कई देशों के कई बड़े-बड़े लोगों का नाम पनामा पेपर लीक से सामने आया था कि इन लोगों ने छुप-छुपाकर कहीं पैसा लगा रखा है, कहीं कुछ खरीद रखा है जो मोटा-मोटी उनकी घोषित संपत्ति से अलग है या भ्रष्टाचार के पैसे का निवेश है. ऐसे नेताओं में आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमुंडर गुन्नलाग्ससन और यूक्रेन के पीएम आर्सेनी यात्सेनियक को कुर्सी छोड़नी पड़ी. अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मॉरीसियो मैक्रिया, यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेन्को और यूएई के किंग बिन जायद अल नहयान के नाम भी इसमें थे लेकिन उनका कुछ नहीं हुआ. भारत से इस पनामा पेपर लिस्ट में कई मशहूर भारतीय हस्तियों अमिताभ बच्चन, एेश्वर्या राय बच्चन, अजय देवगन, डीएलएफ के केपी सिंह, अनुराग केजरीवाल, जयंत सिन्हा, आरके सिन्हा, इंडिया बुल्स के समीर गहलोत के नाम आए थे. भारत के भी जितने लोगों के नाम आए, सबने सफाई में वही कहा जो नवाज शरीफ पिछले एक साल से कह रहे हैं कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है, उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है.

पाकिस्तान की कोर्ट ने वो सफाई नहीं मानी. हमारे यहां सरकार ने मान ली. गड़बड़ी में फंसे लोगों की सफाई को ही सच मानकर मामले का निपटारा करने का हुनर सिर्फ हमारे देश के नेताओं को ही आता है. इस मामले में कोई देश हमारा मुकाबला नहीं कर सकता. आपको याद है कि पनामा पेपर को लेकर भारत में कोई जांच हुई, किसी को नोटिस गया, किसी को कोर्ट ने सम्मन भेजा. कुछ नहीं हुआ. या हुआ तो ऐसे गुप-चुप हुआ कि किसी को पता तक नहीं चला. सरकार का बयान यही है कि संबंधित विभाग मामले को देख रहे हैं. भाई साहब, क्या देख रहे हैं, कब से देख रहे हैं, कब तक देखेंगे, पता नहीं. पाकिस्तान वालों ने तो एक प्रधानमंत्री को नाम आने के एक साल बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया और अगले साल जेल जाने का रास्ता भी बना दिया है. ये हैरानी की नहीं, शर्मसार होने की बात है कि यूक्रेन, आइसलैंड जैसे छोटे देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया. भारत में किसी नेता या बड़ी हस्ती के गिरेबां तक कानून के हाथ नहीं पहुंच सके.

एेसे में सोचने वाली बात है कि पाकिस्तान को हम चाहे जितना गाली दे लें, गाली देकर खुश हो लें लेकिन वहां की अदालतों ने एक समय परवेज मुशर्रफ को और अब नवाज शरीफ को चलता करके ये साबित कर दिया है कि गलत काम करने वाला चाहे कोई हो, कोई भी हो, बच नहीं सकता. भारत में कोई सोच पाता अगर मुशर्रफ या नवाज हमारे यहां प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति होते तो उनका बाल भी बांका होता.

आजादी के बाद ही सामने आए जीप घोटाला से शुरू भारतीय घोटालों का सफर अनवरत जारी है. सरकारें आ रही हैं, जा रही हैं. घोटाले हो रहे हैं. अपवाद में कुछ छोटे-मोटी नेता जेल भी जा रहे हैं. भारत बहुत बड़ा देश है. इसके नेताओं का दिल बहुत बड़ा है. कोर्ट का दिल बहुत बड़ा है. जांच एजेंसियों का दिल बहुत बड़ा है. कोई जांच नहीं कराता. कोई जांच में सबूत नहीं जुटा पाता. कोई सबूत नहीं पेश कर पाता. कोई सबूत को पुख्ता नहीं मान पाता. कई बार लगता है कि हमारा देश और उसका सिस्टम ही नहीं, हमारे देश की जनता भी भ्रष्ट है. ऐसे भ्रष्ट सिस्टम को झेलना किसी भ्रष्टाचार से कम है क्या.

पनामा पेपर: लंदन फ्लैट केस में नवाज शरीफ को 10 साल, बेटी मरयम को 7 साल और दामाद सफदर को 1 साल की सजा

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Aanchal Pandey

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