नई दिल्ली : 3,250 करोड़ का बैंक लोन देने के मामले में ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जहां वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के मामले में अब मुंबई की विशेष कोर्ट ने दोनों पति-पत्नी को तीन […]
नई दिल्ली : 3,250 करोड़ का बैंक लोन देने के मामले में ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जहां वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के मामले में अब मुंबई की विशेष कोर्ट ने दोनों पति-पत्नी को तीन दिन की CBI हिरासत में भेज दिया गया है. शनिवार को दोनों को कोर्ट के सामने पेश किया गया था. इस दौरान एजेंसी ने दोनों की रिमांड की मांग की थी जिसपर कोर्ट ने दोनों को 26 दिसंबर तक के लिए हिरासत में भेज दिया है.
मालूम हो दोनों पर आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. इसके बदले चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था. वीडियोकॉन ग्रुप को साल 2012 में ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था. बाद में यह एनपीए हो गया और इसे “बैंक फ्रॉड” कहा गया था. सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया।
दरअसल, साल 2012 में, आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया था. यह लोन चंदा कोचर के नेतृत्व में दिया गया था. इसके छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दे दिया था. इस लोन में भी दीपक कोचर की 50% हिस्सेदारी थी. दोनों पति-पत्नी पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप है. इसके बाद ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को शिकायती पत्र लिखा था. इस पत्र में वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर खुद को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था.
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