इसी साल सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर लोकतंत्र को खतरे में बनाया था. अब दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस एपी शाह ने मोदी सरकार पर आरोप लगाए हैं. शाह ने का कि मोदी सरकार योग्य जजों की नियुक्ति में अड़ंगा डाल रही है.
नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस एपी शाह ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जस्टिस शाह ने कहा कि केंद्र सरकार योग्य जजों की नियुक्ति में अड़ंगा डाल रही है. उन्होंने कहा कि न्यायधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए. जस्टिस शाह वीजी वर्गीस मैमोरियल लेक्चर में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति करना मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के लिए कड़ा इम्तिहान होगा.
जस्टिस शाह ने कहा कि सीजेआई द्वारा रोस्टर के मास्टर के रूप में निभाई जाने वाली भूमिका अधिक से अधिक पारदर्शी होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि “अगर मौजूदा मुख्य न्यायाधीश इन मुद्दों को उठाएंगे तो और भी अच्छा होगा. जस्टिस (रंजन) गोगोई ने इनमें से कुछ सवाल उठाए हैं और अगर वो अगले न्यायाधीश बनते हैं तो इन प्रक्रियाओं को बदलने के लिए काफी समय दे सकते हैं.
न्यायधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया का संदर्भ देते हुए जस्टिस शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) कानून को तोड़ दिया था और केंद्र सरकार को वर्तमान एमओपी को संशोधित करने का आदेश दिया था. लेकिन अभी तक यह संशोधित नहीं किया गया. इस साल चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेस के बारे में बोलते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए उसके लिए पांच जजों की बैंच बनाई गई. लेकिन इन मुद्दों के लिए दो जजों की बैंच काफी थी. शाह ने आगे कहा कि योग्य जजों का सुप्रीम में होना चाहिए. इसके लिए नियुक्ति प्रक्रिया का बदला जाना जरूरी है.
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