COLLEGIUM SYSTEM : पूर्व न्यायाधीश ने किया कॉलेजियम का समर्थन

नई दिल्ली : कॉलेजियम प्रणाली पर लगातार सवाल उठ रहा है. केंद्र सरकार लगातार कॉलेजियम प्रणाली को बदलने का प्रयास कर रही है. इस प्रणाली के समर्थन में कई लोग बोल रहे है तो कई लोग इसका विरोध भी कर रहे है. वहीं भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधिश यू.यू ललित ने इसका समर्थन किया है. […]

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COLLEGIUM SYSTEM : पूर्व न्यायाधीश ने किया कॉलेजियम का समर्थन

Vivek Kumar Roy

  • February 18, 2023 3:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : कॉलेजियम प्रणाली पर लगातार सवाल उठ रहा है. केंद्र सरकार लगातार कॉलेजियम प्रणाली को बदलने का प्रयास कर रही है. इस प्रणाली के समर्थन में कई लोग बोल रहे है तो कई लोग इसका विरोध भी कर रहे है. वहीं भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधिश यू.यू ललित ने इसका समर्थन किया है. यू.यू ललित ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली से बेहरत कुछ नहीं है. यू यू ललित नियुक्तियों और सुधारों पर एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यू.यू ललित अपने 2 साल का अनुभव को साझा किया. इस कार्यक्रम के आयोजन कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म की ओर से न्यायिक नियुक्तियों और सुधारों पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था.

कॉलेजियम से बेहतर कुछ नहीं

यू.यू ललित कॉलेजियम का समर्थन करते हुए कहा कि- हमारे पास कॉलेजियम सिस्टम से बेहतर कोई सिस्टम नहीं है. अगर हमारे पास इससे बेहतर कुछ नहीं है तो स्वाभाविक रूप से हमें इस दिशा में काम करना चाहिए कि यह कॉलेजियम सिस्टम बना रहे. पूर्व मुख्य न्यायाधिश ने कहा कि कॉलेजियम से जो भी सिफारिश हो वे सर्वसम्मति से होनी चाहिए . इस सिस्टम में कुछ कमी हो सकती है, पर इस व्यवस्था में हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है.

यू यू ललित ने अनुभव किया साझा

पूर्व न्यायाधिश ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे समय जिन नामों कि सिफारिश की गई थी उनमें करीब 225 नामों को सरकार ने स्वीकार किया था. पूर्व मुख्य न्यायाधिश ने कहा कि 30 सिफारिशों को सरकार ने तब तक मंजूरी नहीं दी जब तक कि वह पद से नहीं हट गए थे. उन्होंने कहा कि अधिकतक न्यायाधिश उच्च न्यायालय में नियुक्त होते है बहुत कम ही न्यायाधिश सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होते है.

यू. यू ललित कार्यकाल 74 दन का रहा. 100 दिन से भी कम समय तक रहने वाले ये छठे न्यायाधिश थे.

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