RSS पर पूर्व आईबी चीफ का दावा- इमरजेंसी में संघ भी था इंदिरा गांधी के समर्थन में, संजय गांधी से मिलना चाहते थे देवरस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर पूर्व इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) चीफ टी.वी. राजेश्वर ने दावा किया कि इमरजेंसी के दौरान संघ भी इंदिरा गांधी के समर्थन में था. पूर्व सरसंघचालक बाला साहब देवरस इंदिरा गांधी और संजय गांधी से मिलना चाहते थे.

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RSS पर पूर्व आईबी चीफ का दावा-  इमरजेंसी में संघ भी था इंदिरा गांधी के समर्थन में, संजय गांधी से मिलना चाहते थे देवरस

Aanchal Pandey

  • June 26, 2018 5:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः इमरजेंसी के दौरान पूर्व सरसंघचालक बाला साहब देवरस इमरजेंसी के समर्थन में थे. वह इंदिरा गांधी और संजय गांधी से मिलना चाहते थे. यहां तक कि इलेक्शन में कांग्रेस को समर्थन भी दिया था. ऐसा दावा तीन साल पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के चीफ रहे टी.वी. राजेश्वर ने इंडिया टुडे के शो ‘टू द प्वॉइंट’ के लिए करण थापर को दिया था. दरअसल टी.वी. राजेश्वर ने इमरजेंसी के दिनों को लेकर एक किताब लिखी थी, ‘द क्रूशियल ईयर्स’. उसी किताब को लेकर करण थापर ने ये इंटरव्यू किया था.

इस किताब में भी ये दावा किया गया है कि बाला साहब देवरस इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के कई प्रावधानों के समर्थन में थे और इसीलिए इंदिरा गांधी से मिलना चाहते थे. इतना ही नहीं, वो संजय गांधी से भी मिलना चाहते थे लेकिन दोनों ने ही इस डर से उनसे मिलने की सहमति नहीं दी कि इससे पॉलिटिकल मैसेज गलत रूप में जाएगा. दरअसल इमरजेंसी के दिनों में संजय गांधी ने बड़े जोर-शोर से जबरन नसबंदी कार्यक्रम चलाया था, वो भी खास तौर पर मुस्लिम इलाकों में.

टी.वी. राजेश्वर आईबी चीफ के पद से रिटायरमेंट लेने के बाद सिक्किम और उत्तर प्रदेश के गर्वनर भी रहे. वो इंदिरा गांधी के काफी करीबी अधिकारियों में गिने जाते थे. हालांकि वो इमरजेंसी के दिनों में आईबी के डिप्टी चीफ थे, जो बाद आईबी के चीफ बना दिए गए. टी.वी. राजेश्वर ने ये भी बताया कि कैसे इंदिरा गांधी 6 महीने बाद ही इमरजेंसी को खत्म करना चाहती थीं लेकिन संजय गांधी ने ऐसा होने नहीं दिया.

टी.वी. राजेश्वर ने अपनी किताब में ये बताया है कि कैसे सिद्धार्थ शंकर रे ने इमरजेंसी लगवाने में अहम भूमिका निभाई और कैसे इंदिरा गांधी को अंदाजा ही नहीं था कि इमरजेंसी के क्या परिणाम होंगे. कुछ मामलों में संजय गांधी की जिद भी हावी रही. उनका दावा था कि संघ प्रमुख मां बेटे से इसलिए भी मिलना चाहते थे कि वो अगले इलेक्शन में उनको संघ के समर्थन की बात कर सकें.

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