विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर नरेंद्र मोदी के मंत्री अनंत कुमार बोले- सोनिया गांधी का गणित कमजोर है

नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे. लेकिन बीजेपी का कहना है कि उसे इससे फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि सदन में और उसके बाहर सरकार के पास पूर्ण बहुमत है.

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विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर नरेंद्र मोदी के मंत्री अनंत कुमार बोले- सोनिया गांधी का गणित कमजोर है

Aanchal Pandey

  • July 19, 2018 6:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने गुरुवार को कहा कि यूपीए चीफ सोनिया गांधी का गणित कमजोर है. शुक्रवार को संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा जाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय मंत्री ने यह टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, सोनिया गांधी का गणित कमजोर है और नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष का कैलकुलेशन गलत है.

सोनिया गांधी ने कहा था कि कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि वह अविश्वास प्रस्ताव में जीत हासिल करेगी. इस पर अनंत कुमार ने कहा कि मोदी सरकार के पास संसद के अंदर और बाहर बहुमत है. इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राम माधव ने कहा, ”हम देखेंगे कि कौन सी क्षेत्रीय पार्टियां शुक्रवार को कांग्रेस के साथ बतौर बी पार्टियां आती हैं”.

बीजेपी के एक मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह अविश्वास प्रस्ताव के चैलेंज को मंजूर करके विपक्ष को हैरान कर देना चाहते हैं. मंत्री ने कहा, विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव के बाद सदन में बाधा पैदा करने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचेगा. सहयोगी पार्टियों को शामिल किए बिना बीजेपी के लोकसभा में 273 सदस्य हैं.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और कहा था कि चर्चा और वोटिंग शुक्रवार को होगी. प्रश्नकाल के बाद मुद्दे पर महाजन ने कहा था कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए विपक्षी सांसदों के नोटिस मिले हैं और यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह इसे सदन में विचार के लिए रखें.

उन्होंने कहा कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के केसिनेनी श्रीनिवास पहले सांसद थे, जिन्होंने अविश्वास नोटिस दिया और उनसे इस प्रस्ताव को रखने के लिए कहा था. प्रस्ताव को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और माकपा के पचास सांसदों का समर्थन है.

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