प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में बसपा विधायक रहे राजू पाल मर्डर केस में बड़ा मोड़ आ गया है. जहां इस हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई है. शुक्रवार को हमलावरों ने प्रयागराज में उन्हें घर में घुसकर गोली से मार दी. बदमाशों ने कई राउंड में उनपर फायरिंग की. यहाँ तक […]
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में बसपा विधायक रहे राजू पाल मर्डर केस में बड़ा मोड़ आ गया है. जहां इस हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई है. शुक्रवार को हमलावरों ने प्रयागराज में उन्हें घर में घुसकर गोली से मार दी. बदमाशों ने कई राउंड में उनपर फायरिंग की. यहाँ तक की उनकी गाड़ी पर बम से भी हमला किया। गोलीबारी में उनकी सुरक्षा में तैनात एक गनर की भी मौत हो गई है. बता दें, उनकी सुरक्षा में दो गनर तैनात किए गए थे. तीनों को हमले के बाद स्वरुप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इस दौरान ही उमेश पाल और उनके गनर संदीप मिश्रा की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह का इलाज चल रहा है जिसकी भी हालत गंभीर बताई जा रही है. फ़िलहाल हमलावरों के बारे में कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है.
बता दें, उत्तर प्रदेश में 2004 के आम चुनाव के समय फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हुई थी जिसपर उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया. लेकिन बसपा ने अतीक के सामने राजू पाल को खड़ा किया था. उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी राजू पाल की जीत हुई थी. लेकिन जीत दर्ज़ करने के कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हो गई थी. इसके अलावा दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस पूरे हत्याकांड में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था.
वहीं बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के बीच रिश्ते भी कुछ मधुर नहीं रहे हैं. दोनों के बीच 17 साल पुरानी दुश्मनी आज भी बरकरार है. ऐसे में जब उमेश राजू पाल हत्याकांड में गवाह बने तो अतीक ने पहले उनका अपहरण भी करवा लिया गया. अतीक गिरोह के खिलाफ उमेश अब तक पांच FIR करा चुके हैं. गौरतलब है कि पूर्व विधायक के दोस्त और रिश्तेदार उमेश पाल इस पूरे मामले के इकलौते गवाह थे.
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