लाचित बरफूकन की 400वीं जयंती: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज दिल्ली में अहोम जनरल लाचित बरफूकन की 400वीं जयंती के अवसर पर उन पर लिखी गई किताब का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के वीरों के इतिहास को भुलाकर हमें आजादी के बाद सिर्फ गुलामी का इतिहास पढ़ाया गया। असम के […]
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज दिल्ली में अहोम जनरल लाचित बरफूकन की 400वीं जयंती के अवसर पर उन पर लिखी गई किताब का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के वीरों के इतिहास को भुलाकर हमें आजादी के बाद सिर्फ गुलामी का इतिहास पढ़ाया गया।
लाचित बरफूकन की 400वीं जयंती समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें वीर लाचित की 400वीं जन्म जयंती मनाने का सौभाग्य उस कालखंड में मिला है जब देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह ऐतिहासिक महोत्सव असम के इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज देश गुलामी की मानसिकता को छोड़ अपनी विरासत पर गर्व करने के भाव से भरा हुआ है। आज भारत न सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विविधता को मना रहा है बल्कि अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को गर्व से याद भी कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब कोई मुश्किल दौर, चुनौती खड़ी हुई तो उसका मुकाबला करने के लिए कोई न कोई विभूति अवतरित हुई। हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान बचाने के लिए संत और मनीषी आए। भारत को तलवार की जोर से कुचलने का मंसूबा पाले, आक्रमणकारियों का मां भारती की कोख से जन्मे वीरों ने सामना किया।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का इतिहास नहीं है। भारत का इतिहास योद्धाओं, विजय का इतिहास है। भारत का इतिहास अत्याचारियों के विरुद्ध अभूतपूर्व शौर्य और पराक्रम दिखाने का इतिहास है। भारत का इतिहास जय का है। भारत का इतिहास जंग का है, त्याग, तप का है।
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