Foreign-Made Fighter Jets Cheaper Than Those by State-Run HAL: ऑडिट डॉक्यूमेंट के हवाले से कहा गया है कि रूस से लाइसेंस के तहत HALने जो सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट बनाए, उनकी कीमत रूस से मंगाए गए लड़ाकू विमानों की तुलना में 150 करोड़ रुपये अधिक थी. एचएएल में बनने वाले लड़ाकू विमान विदेश से खरीदे जाने वाले फाइटर जेट की तुलना में महंगे पड़ते हैं.
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय की ऑडिट में यह बात कही गई है कि भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में बनने वाले लड़ाकू विमान विदेश से खरीदे जाने वाले फाइटर जेट की तुलना में महंगे पड़ते हैं. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक ऑडिट डॉक्यूमेंट के हवाले से कहा गया है कि रूस से लाइसेंस के तहत HAL ने जो सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट बनाए, उनकी कीमत रूस से मंगाए गए लड़ाकू विमानों की तुलना में 150 करोड़ रुपये अधिक थी.
इन दस्तावेजों में कहा गया है कि तुलना करने पर पता चला है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में बनाए गए विमानों की कीमत ऑरिजलनल इक्विपमेंट मैन्युफेक्चरर से मिलने वाले विमान से अधिक थी.
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को जानकारी दी है कि रक्षा उत्पादन विभाग इन दस्तावेजों का अध्ययन कर रहा है. रूस में बने सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट्स की की कीमत 269.77 करोड़ रुपये थी, वहीं भारत में HAL में बने विमान पर 417.69 करोड़ रुपये लागत लगी. इसी प्रकार से हॉक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की कीमतों में बड़ा अंतर पाया गया है. यह विमान मूलत: ब्रिटिश एयरोस्पेस बनाती है वहीं भारत में इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल) ने तैयार किया.
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