दो दिनों के भीतर विदेशी निवेशकों ने बेचे 2,081 करोड़ शेयर, क्या मार्केट में बढ़ेगी गिरावट?

नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों द्वारा 21 जुलाई 2023 तक पूर्ण रूप से भारतीय शेयर बाजारों में 43,800 करोड़ रुपए का निवेश किया गया था. अब यही निवेशक निकासी कर रहे हैं, यह एक अच्छा संकेत नहीं है. विस्तार एक लंबे अरसे के बाद भारतीय शेयर बाज़ारों में विदेशी निवेशकों ने बिकवाली करना शुरू कर दिया […]

Advertisement
दो दिनों के भीतर  विदेशी निवेशकों ने बेचे 2,081 करोड़ शेयर, क्या मार्केट में बढ़ेगी गिरावट?

Nikhil Sharma

  • July 25, 2023 1:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों द्वारा 21 जुलाई 2023 तक पूर्ण रूप से भारतीय शेयर बाजारों में 43,800 करोड़ रुपए का निवेश किया गया था. अब यही निवेशक निकासी कर रहे हैं, यह एक अच्छा संकेत नहीं है.

विस्तार

एक लंबे अरसे के बाद भारतीय शेयर बाज़ारों में विदेशी निवेशकों ने बिकवाली करना शुरू कर दिया है. जानकारी के अनुसार बीते दो दिनों में (एफपीआई) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2,081 करोड़ रुपये के स्टॉक की बिक्री की है, यह खरीदारी में आने वाली कमी का संकेत है. मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले तीन महीनों से शेयर बाजार में विदेशी निवेशक लगातार पैसा निवेश कर रहे थे. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा मई में 43,838 करोड़ रुपए और जून में 47,148 करोड़ रुपए शेयरों में निवेश किए गए थे.

विदेशी निवेशकों ने 21 जुलाई 2023 तक पूर्ण रूप से भारतीय शेयर बाजारों में 43,800 करोड़ रुपए का निवेश किया था. पिछले तीन महीने से शेयर बाज़ार में गिरावट चल रही है जोकी एक अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि निवेशक निकासी कर रहे हैं. इसी के चलते लगभग 1200 अंक से सेंसेक्स टूट चुका है. रिपोर्ट्स के अनुसार तेज़ी से हाई होते बाज़ार में जल्द ही करेक्शन देखने को मिल सकता है.

निफ्टी के लिए मुश्किल है 20 हजार के लेवल टच करना

रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार के अनुसार एफपीआई का प्रभाव धीमा पड़ गया है. जब डॉलर का मूल्य अन्य मुद्राओं की तुलना में बढ़ जाता है, तो इसे बढ़ता डॉलर सूचकांक कहा जाता है। फिलहाल डॉलर इंडेक्स 99 के निचले स्तर से बढ़कर 101.4 पर पहुंच गया है। निफ्टी, जो यह मापता है कि स्टॉक कितना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, माना जा रहा है कि यह चुनौतियों से उबर सकता है। लेकिन अगले कुछ दिनों में शायद यह 20,000 अंक तक नहीं जाएगा क्योंकि डॉलर का मूल्य बढ़ रहा है और विदेशी निवेशकों से शेयर बाजार में आने वाले पैसे की मात्रा कम हो रही है।

Advertisement