Republic Day: पहली बार BSF महिला जवान गणतंत्र दिवस परेड के ऊंट दस्ते में होंगी शामिल, काफी अहम है ये स्क्वॉड

नई दिल्ली। पहली बार सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ की महिला जवान गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऊंट दस्ते में शामिल होंगी। भारतीय सेना के इस स्क्वॉड की भूमिका आजादी के बाद से ही बहुत अहम मानी जाती है। सेना की ग्रेनेडियर यूनिट्स हुए थे शामिल बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने […]

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Republic Day: पहली बार BSF महिला जवान गणतंत्र दिवस परेड के ऊंट दस्ते में होंगी शामिल, काफी अहम है ये स्क्वॉड

SAURABH CHATURVEDI

  • January 25, 2023 12:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। पहली बार सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ की महिला जवान गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऊंट दस्ते में शामिल होंगी। भारतीय सेना के इस स्क्वॉड की भूमिका आजादी के बाद से ही बहुत अहम मानी जाती है।

सेना की ग्रेनेडियर यूनिट्स हुए थे शामिल

बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाले परेड में पहली बार सीमा सुरक्षा बल ( BSF ) की महिला जवान ऊंट दस्ते में शामिल होंगी। भारतीय सेना में ऊंट दस्ता (camel squad) काफी समय से शामिल हैं। इस दस्ते ने कई युद्धों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऊंट, सीमा पर तैनात भारतीय सेना की ग्रेनेडियर यूनिट्स में शामिल रहा था।

इन युद्धों में निभा चुकी हैं महत्वपूर्ण भूमिका

गौरतलब है कि सीमा पर तैनात भारतीय सेना की ये यूनिट समय-समय पर कई युद्धों में अपना योगदान देती रही है। इन्होंने 1948 और 1965 के युद्ध में भाग लिया था। इन दो जंग के बाद 1971 के युद्ध में ऊंटों ने भारतीय सेना की तरफ से बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

मरुस्थल में दुश्मनों को पकड़ने में आते हैं काम

सीमा सुरक्षा बल ने पहली बार 1976 में गणतंत्र दिवस के परेड में इनको शामिल किया था। वहीं 1986 से लेकर 1989 तक बहुत कड़े प्रशिक्षण के बाद कैमल माउंटेड बैंड को 1990 में कर्तव्यपथ पर शामिल किया गया था। ऊंटों की भूमिका तब महत्वपूर्ण हो जाती है जब मरुस्थल पर दुश्मनों को पकड़ने की बात आती है या फिर सेना हेल्थ के मिशन पर होते हैं तो ऊंट काम आते हैं।

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