चारा घोटाला मामले में 23 दिसंबर को लालू यादव के जेल जाने से दो घंटे पहले उनके दो करीबी स्टाफ फर्जी केस के तहत जेल पहुंच गए. मामला सामने आने के बाद चीफ मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया. पुलिस ने भी इस मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी
रांचीः लालू प्रसाद यादव के 23 दिसंबर को बिरसा मुंडा जेल जाने के दो घंटे पहले जेल में फर्जी केस के तहत पहुंचे उनके दो स्टाफ के जेल में पहुंचने के मामले में पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है. मदन और लक्ष्मण नाम के यह दो स्टाफ वर्षों से लालू यादव के लिए काम करते हैं. लालू को चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराए जाने वाले दिन यानी 23 दिसंबर को करीब दोपहर 2.30 बजे स्टाफ के पड़ोसी सुमित यादव की मदद से दोनों सहायकों ने जेल में प्रवेश पाया. जिसके दो घंटे बाद लालू यादव को जेल भेजा गया था. सूत्रों के अनुसार ये दोनों स्टाफ लालू के काफी करीबी माने जाते हैं. पहले भी जब लालू को जेल हुई थी तब भी यह दोनों उनके साथ थे
लालू यादव से पहले जेल में पहुंचे उनके दोनों स्टाफ के खिलाफ सुमित यादव ने दोरंदा पुलिस स्टेशन में खुद के खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद सुमित ने लोअर बाजार पुलिस स्टेशन में मदन और लक्ष्मण के खिलाफ उसके साथ मारपीट करने और 10,000 रुपये चोरी करने के लिए मामला दर्ज कराया. जिसके बाद वकीलों ने उन दोनों को आत्मसमर्पण करने को कहा फिर CJM यानी चीफ मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया गया. मामला सामने आने के बाद मंगलवार को पुलिस ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं
बता दें कि चारा घोटाला मामले में 23 दिसंबर को लालू प्रसाद यादव समेत 16 लोगों को दोषी ठहराया गया था. जिसके बाद लालू को 3.5 साल कैद की सजा व पांच लाख रुपये जुर्माने का सजा सीबीआई स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई है. दोषी करार किए जाने के बाद से लालू को रांची की बिरसा मुंडा जेल में रखा गया है. जिसमें लालू के दो स्टाफ पहले से ही मौजूद थे.
यह भी पढ़ें- जेल में लालू यादव मगर ट्विटर पर विरोधियों को दे रहे मुंहतोड़ जवाब, कहा- लालू चोर होता तो जेल में नहीं बीजेपी में होता