नई दिल्ली: भारी बरसात के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब-हरियाणा के साथ मैदानी राज्यों में अब बाढ़ का खतरा पैदा हो चुका है। राजस्थान से लेकर पहाड़ी राज्यों तक में गंगा, यमुना के साथ सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। बरसात के बाद शहरों, गांवों, कस्बों और खेतों में पानी घुस चुका है। इसके अलावा […]
नई दिल्ली: भारी बरसात के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब-हरियाणा के साथ मैदानी राज्यों में अब बाढ़ का खतरा पैदा हो चुका है। राजस्थान से लेकर पहाड़ी राज्यों तक में गंगा, यमुना के साथ सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं।
बरसात के बाद शहरों, गांवों, कस्बों और खेतों में पानी घुस चुका है। इसके अलावा हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। वहीं पहाड़ों पर बरसात का कहर बना हुआ है। कुल्लू में पर्यटन स्थलों जैसे मनाली, मणिकर्ण और बंजार में 17 हजार पर्यटक फंसे हैं, साथ ही चारधाम यात्रा भी बाधित हुई है।
इस दौरान पिछले 24 घंटे में 16 और लोगों की मौत हो गई है। इनमें 8 मौतें उत्तराखंड और 4 उत्तर प्रदेश में हुई। हिमाचल में 3 दिन में 31 मौतें हो गई हैं। वहीं भूस्खलन की वजह से जम्मू-श्रीनगर हाईवे, मनाली-लेह, मनाली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे के साथ 1,500 से अधिक सड़कें बंद हैं।
दरअसल हथिनीकुंड बैराज से 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से राजधानी दिल्ली में यमुना का पानी और बढ़ेगा। यमुना और घग्गर में बाढ़ की वजह से हरियाणा के पानीपत में नवादा और तामशाबाद में बांध टूट गए हैं। वहीं कुरुक्षेत्र, करनाल, हिसार, भिवानी और यमुनानगर के सैकड़ों गांवों में पानी घुस चुका है। बताया जा रहा है कि हिसार से अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ कई सड़कें बंद हो चुकी हैं।
बता दें हिमाचल में 1,318 सड़कें बंद हैं। साथ ही उत्तराखंड में भी 273 सड़कें बंद हैं। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर 7 जगह भूस्खलन देखा गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हिमाचल उत्तराखंड में भारी बरसात और बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है।