नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट को पांच नए न्यायाधीश मिल गए हैं। भारत के प्रमुख न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने जजों को शपथ दिलाई। अब शीर्ष अदालत में कुल न्यायाधीशों की संख्या 32 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 34 है।
बता दें, राजस्थान के अलावा पटना और मणिपुर के उच्च न्यायालयों के तीन मुख्य न्यायाधीशों न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल और पीवी संजय कुमार ने शपथ ग्रहण की। इसके साथ ही पटना उच्च न्यायालय के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को भी शपथ दिलाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट
जानिए नए न्यायधीशों के बारे में
जस्टिस पंकज मित्थल- वरिष्ठा में पहले नंबर पर जस्टिस पंकज मित्थल आते है। जस्टिस पंकज मित्थल का जन्म 17 जून 1961 को मेरठ में हुआ था। 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक करने के बाद 1985 में मेरठ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिली की। उसी साल उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में पंजीकरण कराने के बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत भी शुरू कर दी थी।
जस्टिस संजय करोल- वरिष्ठता में दूसरे नंबर पर जस्टिस संजय करोल का नाम आता है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के समय वह पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। संजय करोल का जन्म 23 अगस्त 1961 को हिमाचल प्रदेश में हुआ था।
जस्टिस पीवी संजय कुमार- जस्टिस पीवी संजय कुमार का संबंध तेलंगाना हाईकोर्ट से हैं। 14 अगस्त 1963 को जन्मे जस्टिस कुमार ने निजाम कॉलेज, हैदराबाद से स्नातक करने बाद 1988 में दिल्ली विवि से लॉ की डिग्री हासिल की थी।
जस्टिस ए अमानुल्ला – जस्टिस ए अमानुल्ला का जन्म 11 मई 1963 में हुआ था। इन्होंने 1991 में बिहार राज्य बार काउंसिल में पंजीकरण के बाद पटना हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी।
जस्टिस मनोज मिश्र – सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किए गए पांच जजों में से वरिष्ठता क्रम में पांचवें स्थान पर जस्टिस मनोज मिश्र हैं। 2 जून 1965 को पैदा हुए जस्टिस मिश्र ने 1988 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से वकालत शुरू की थी। 21 नवंबर 2011 को उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज बनाया गया था। 6 अगस्त 2012 को वह स्थायी जज बने थे।