उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के लाॅकर मे रखें 18 लाख रुपए को दीमक सफा चट कर गए. पहले लकड़ी खाते थे दीमक और आज कल पैसे खा रहे हैं. फिलहाल सवाल ये है कि ग्राहक के हुए नुकसान की भरपाई क्या बैंक करेगा. तो चलिए जानते हैं पूरा मामला.
क्या है बैंक लाॅकर का नियम
बैंक का इस्तेमाल पैसों को बचा कर रखने के लिए किया जाता है. खास कर के बैंक लाॅकर को गहने एवं ज़मीनी दस्तावेज को रखने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है वहीं लोग इसमें पैसें भी रख रहें हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए नियम के अनुसार, बैंक लाॅकर में ग्राहक सिर्फ ज्वेलरी ज़रूरी दस्तावेज और कानूनी तौर पर वैध समान को ही रख सकते हैं. और बैंक के लाॅकर में नकदी विदेशी पैसें और हथियार, जहरीला सामान नहीं रह सकते. इस नियम के अनुसार जो भी अवैध तौर पर यह सब रखता है तो उसका जिम्मेदार वह स्वयं होगा .
क्या बैंक लेगा जिम्मेदारी
नए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार नकद नहीं रख सकते और अगर आप ऐसा करते हैं तो इसके जिम्मेदार आप ही होंगे बैंक इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.
नई नियमावली के क्या है नया किराया
नया एग्रीमेंट स्टांप पेपर पर बनाया जाएगा. साइना भी इसी पेपर पर किए जाएंगे. लाॅकर के किराया में भी बदलाव हुए हैं . किराया 1350 रूपय से लेकर 20,000 रूपये महीना तक हो सकता है. साथ ही ज्वाइंट लाॅकर के लिए भी आवेदन दे सकते हैं ।
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