नई दिल्ली: सूर्य ग्रहण का हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व है साथ ही इसे शुभ भी माना जाता है। आज सूर्य ग्रहण के साथ शनी अमावस्या भी है, इसलिए कई शुभ संकेत भी बन रहे हैं। बता दें सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं इसमें पहला पूर्ण सूर्यग्रहण, दूसरा आंशिक सूर्यग्रहण, और तीसरा वलय सूर्य ग्रहण है। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण था, जो भारत में दिखाई नहीं दिया था.
हिन्दू पंचाग के अनुसार कल लगा सूर्य ग्रहण वैशाख अमावस्या की तिथि पर मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगा है. यह सूर्य ग्रहण आंशिक होने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा, ऐसे में भारत में इसका सूतककाल मान्य नहीं होगा. ऐसे में सूतक काल मान्य नहीं होने के कारण किसी भी तरह धार्मिक कार्यों में कोई भी रुकावटें नहीं रहेगी. भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू हो गया है, यह सुबह 4 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. इस सूर्य ग्रहण के बाद दूसरा सूर्य ग्रहण इस साल 25 अक्तूबर को लगेगा.
आज से पहले वैशाख महीने में तीन साल पहले 2019 में शनि अमावस्या का संयोग बना था और अब 14 साल बाद 2036 में ऐसा संयोग बनेगा. वहीं अमावस्या के दिन पितरों के लिए श्राद्ध कर्म भी किए जाते है. इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे अपने परिवार और सगे संबंधी को सुखमय जीवन का आशीर्वाद देते है.
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