नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से खरीदे गए कच्चे तेल के लिए पहली बार रुपये में भुगतान किया है। साथ ही, भारत ने अपनी मुद्रा को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। अधिकारियों ने बताया कि भारत अन्य तेल आपूर्तिकर्ता देशों के साथ भी इसी तरह रुपये […]
नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से खरीदे गए कच्चे तेल के लिए पहली बार रुपये में भुगतान किया है। साथ ही, भारत ने अपनी मुद्रा को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। अधिकारियों ने बताया कि भारत अन्य तेल आपूर्तिकर्ता देशों के साथ भी इसी तरह रुपये में क्रूड ऑयल खरीदने की कोशिश में लगा है लेकिन, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू करना एक प्रक्रिया है और इसके लिए अभी कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है।
भारत ने इस दिशा में जुलाई में यूएई के साथ रुपये में भुगतान के लिए एक समझौता किया था। बता दें कि अब इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) से 10 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद का भुगतान भारतीय रुपये में किया है। इसके साथ ही रूस से खरीदे गए कच्चे तेल के कुछ हिस्से का भी भुगतान रुपये में ही किया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि तेल खरीद का भुगतान रुपये में करने से लागत न बढ़े। उन्होंने कहा कि साथ ही, इससे व्यापार में किसी भी तरह से नुकसान न हो। उन्होंने आगे कहा कि जहां रकम अधिक नहीं है, वहां रुपये में भुगतान में कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन, जब कच्चे तेल का हर जहाज लाखों डॉलर की कीमत का हो तब समस्याएं होती हैं। अधिकारी ने बताया कि रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण से डॉलर की मांग कम करने में सहायता मिलेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मौद्रिक झटकों का असर भी कम होगा।