नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बाद से ही देश की फार्मा कंपनियां नए प्रयोगों द्वारा वैक्सीन के निर्माण कार्य का काम तेजी से कर रही हैं। इसी बीच कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन बीएफ-7 के खतरे के बीच भारत बायोटेक की स्वदेशी इंट्रानेजल कोरोना वैक्सीन केंद्रीय ड्रग्स लेबोरेटरी कसौली द्वारा तय किए मानकों पर खरी उतर गई है।
एक सप्ताह तक चले परीक्षणों के बाद सीडीएल ने नेजल वैक्सीन इनकोवैक को ग्रीन टिक दे दिया। बता दें, नेजल वैक्सीन के शुरुआत में तीन बैच पास हुए है, अन्य तीन बैच का क्वालिटी और कंट्रोल टेस्ट चला हुआ है। परीक्षण के बाद इन तीन बैच की रिपोर्ट भी सामने आ जाएगी।
नाक के जरिए दी जाएगी वैक्सीन
सीडीएल द्वारा मान्यता प्राप्त देश की ये पहली वैक्सीन है जिसे नाक के जरिए दिया जाएगा। इस वैक्सीन को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने 26 जनवरी को दिल्ली से लांच किया। केंद्रीय मंत्री ने लांच के दौरान वैक्सीन को जल्द ही कोविन पोर्टल के जरिए उपलब्ध कराने की बात की है। बता दें, देश में बनने वाली वैक्सीन को देश के अलावा विदेश में आयात और निर्यात होने के लिए सीडीएल कसौली परीक्षण पास होना जरूरी होता है।
DCGI से मिली मंजूरी
बता दें, नेजल वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से आपात प्रयोग की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी ने पिछले सप्ताह छह बैच परीक्षण के लिए सीडीएल कसौली भेजे थे। जिसके बाद बैच का परीक्षण सीडीएल ने शुरू किया और हाल ही में तीन बैच के परिणाम आ गए है। परीक्षण के बाद तीनों बैच की 7500 डोज कंपनी को भेज दिए गए हैं। इसी के साथ भारत में इंट्रा मस्कुलर कोरोना वैक्सीन के साथ अब नाक से ली जाने वाली वैक्सीन का उत्पादन तेजी से शुरू हो गया है।