तमिलनाडु के थिरुपुरुर स्थित श्री कंडास्वामी मंदिर के दानपात्र में गलती से एक शख्स का आईफोन गिर गया। इसके बाद मंदिर प्रशासन ने उसे उसका फोन लौटाने से मना कर दिया। हैरानी तब हुई जब राज्य के मंत्री ने कहा कि दानपात्र में गिरने वाली किसी भी वस्तु को भगवान की संपत्ति मानना चाहिए।
नई दिल्ली: तमिलनाडु के एक मंदिर में एक भक्त ने गलती से अपना आईफोन दानपात्र में गिरा दिया, जिसके बाद उसकी स्थिति अजीबोगरीब हो गई। भक्त ने फोन वापस करने की अपील की, लेकिन तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ विभाग ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा कि अब वह मंदिर की संपत्ति बन चुका है।
यह घटना तब हुई जब भक्त दिनेश ने श्री कंदस्वामी मंदिर, थिरुपुरुर में अनजाने में अपना आईफोन दानपात्र में गिरा दिया। जैसे ही उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ, उन्होंने मंदिर अधिकारियों से संपर्क कर फोन वापस करने की मांग की। मंदिर प्रशासन ने दिनेश से कहा कि वह केवल फोन का डाटा वापस ले सकते हैं, लेकिन दिनेश ने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया और फोन की वापसी पर जोर दिया।
इस मुद्दे पर मानव संसाधन और सीई मंत्री पीके शेखर बाबू ने कहा कि दानपात्र में जमा किया गया कोई भी सामान भगवान के खाते में चला जाता है, और मंदिर की प्रथाओं के अनुसार उसे वापस नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह नियम भक्तों को चढ़ावा लौटाने की अनुमति नहीं देते हैं।
यह राज्य में इस तरह की पहली घटना नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मई 2023 में केरल के अलप्पुझा की एक भक्त ने अपनी सोने की चेन गलती से श्री धनदायुथपानी स्वामी मंदिर के दानपात्र में गिरा दी थी। सीसीटीवी फुटेज से यह साबित होने के बाद कि चेन गलती से गिरी थी, मंदिर ने अपनी तरफ से उसी मूल्य की एक नई चेन भक्त को दे दी। हुंडियाल स्थापना, सुरक्षा और लेखा नियम, 1975 के अनुसार, दानपात्र में चढ़ाया गया कोई भी सामान किसी भी स्थिति में वापस नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह अब मंदिर की संपत्ति बन जाता है।
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