नई दिल्ली : मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर सामने आ रही है. जहां देश में मिला पहला मंकीपॉक्स का मरीज ठीक हो गया है. बता दें, केरल से देश का पहला मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था जिस मरीज की रिपोर्ट अब नेगेटिव आ गई है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी […]
नई दिल्ली : मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत भरी खबर सामने आ रही है. जहां देश में मिला पहला मंकीपॉक्स का मरीज ठीक हो गया है. बता दें, केरल से देश का पहला मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था जिस मरीज की रिपोर्ट अब नेगेटिव आ गई है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के निर्देशों के अनुसार 72 घंटे के अंतराल पर दो बार परीक्षण किए गए थे जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आईं हैं. इस बात की जानकारी स्वास्थ मंत्री वीना जॉर्ज ने दी है.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मंकीपॉक्स संक्रमण के मामलों को लेकर एक अच्छी खबर दी है. इस मामले में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि भारत का पहला मंकीपॉक्स रोगी जिसका इलाज केरल में चल रहा था वह इस वायरस से उबर गया है. वीना जॉर्ज बताती हैं, ‘चूंकि यह देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला था, इसलिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के निर्देशों के अनुसार 72 घंटे के अंतराल पर मरीज के दो बार परीक्षण किए गए. दोनों ही बार रिपोर्ट निगेटिव आईं हैं. रोगी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बताया जा रहा है. साथ ही त्वचा के धब्बे पूरी तरह से उबर गए हैं. उन्हें आज हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी जाएगी।
बता दें कि 14 जुलाई को देश में पहला मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था. यह वायरस विदेश से लौटे केरल के कोल्लम के मूल निवासी में पाया गया था। संक्रमण मिलते ही उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. हालांकि 16 दिनों बाद ही वह पूरी तरह से इस वायरस से उबर गया है.
मंकीपॉक्स कितना घातक है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 6 मई को इसी साल दुनिया में इसका पहला मामला सामने आया था और आज तक इसके 18 हजार मामले सामने आ चुके हैं. WHO की मानें तो दुनिया के 78 देशों में 18 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इन देशों में से 70 प्रतिशत मामले यूरोप और 25 फीसदी अमेरिका में हैं. अब तक 5 लोगों की मंकीपॉक्स से मौत भी हो गई है. जबकि, 10 फीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है. आइए बताते हैं कोरोना से ये कितना अलग है.