Fireman Rajesh Shukla Delhi Anaj Mandi Fire, Delhi factory me lagi aag me Rajesh Shukla ne bachayi kayi jaan: दिल्ली अनाज मंडी आग लगने के बाद फरिश्ते बन कर सामने आए आग बुझाने वाले कर्मचारी राजेश शुक्ला ने मौके पर कई जानें बचाईं. दिल्ली फायर सर्विस के कर्मी राजेश शुक्ला बिल्डिंग में प्रवेश करने वाले पहले लोगों में से थे और उन्होंने 11 लोगों को बचाया. शुक्ला ने बचाव अभियान के दौरान अपने पैरों को घायल कर लिया और अब एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं. चार मंजिला इमारत में आग लगने से 43 लोग मारे गए हैं.
नई दिल्ली. आज सुबह दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में धधकती आग के बीच इमारत में प्रवेश करने वाले पहले फायरमैन में से एक, दिल्ली अग्निशमन सेवा के कर्मचारी राजेश शुक्ला ने रविवार को 11 लोगों को मरने से बचाया. राजेश शुक्ला ने बचाव अभियान में अपने पैर घायल कर लिए और एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं. दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन शुक्ला से अस्पताल में मिले. जैन ने ट्वीट करके कहा, फायरमैन राजेश शुक्ला एक वास्तविक नायक हैं. वह फायर स्पॉट में प्रवेश करने वाला पहला फायरमैन था और उसने लगभग 11 लोगों की जान बचाई. उन्होंने अपनी हड्डी की चोट के बावजूद अंत तक अपना काम किया. इस बहादुर नायक (एसआईसी) को सलाम.
फायरमैन राजेश शुक्ला एक वास्तविक नायक हैं. वह फायर स्पॉट में प्रवेश करने वाले पहले फायरमैन थे और उन्होंने लगभग 11 जीवित लोगों को बचाया. पुलिस ने कहा कि उत्तरी दिल्ली की अनाज मंडी में रविवार सुबह एक फैक्ट्री में आग लग गई, जिसमें 43 मजदूर मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. दमकल अधिकारियों ने कहा कि इकाइयों में काम करने वाले ज्यादातर लोग उस समय सो रहे थे, जब इमारत की दूसरी मंजिल में आग लग गई थी और 30 फायर टेंडर सेवा में लगाए गए थे. एक प्रारंभिक जांच में कहा गया है कि शॉर्ट सर्किट से धमाका हुआ. लगभग 150 फायर कर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला.
Fireman Rajesh Shukla is a real hero. He was the first fireman to entered the fire spot and he saved around 11 lives. He did his job till the end despite of his bone injuries. Salute to this brave hero. pic.twitter.com/5aebB2XLUd
— Satyendar Jain (@SatyendarJain) December 8, 2019
अग्निशमन अधिकारियों ने बताया कि 43 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि दो फायर कर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए. उन्होंने कहा कि अग्निशमन विभाग से किसी भी इकाई के पास अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में बचाव कार्य कठिन था. इमारत तक पहुंचने के लिए फायरमैन को खिड़की की ग्रिल काटनी पड़ी. बचाए गए, मृतकों के परिजनों के लिए दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने, बीजेपी ने, पीएम नरेंद्र मोदी ने और बिहार के मरने वाले निवासियों के लिए नीतीश कुमार ने अलग-अलग मुआवजे की रकम का ऐलान किया है.
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