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दिल्ली हाई कोर्ट जज के बंगले में लगी आग, खुले दरवाजे तो कैश देखकर सन्न रह गये दमकलकर्मी, SC ने कहा जाइये यहां से!

सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम की आपात बैठक बुलाकर दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले की सिफारिश की है. यह फैसला जज साहब के बंगले में लगी आग के बाद किया गया है. खबर है कि बंगले में आग के दौरान दमकलकर्मियों और पुलिस ने जब कमरों के दरवाजे खोले तो वहां करोड़ों की बेहिसाब नकदी मिली. आग की घटना के दौरान जज साहब घर पर नहीं थे.

  • March 21, 2025 9:20 am Asia/KolkataIST, Updated 5 days ago

नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा की अचानक तबादले की सिफारिश की है. इसके लिए कॉलेजियम की आपात बैठक बुलानी पड़ी. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाले तीन वरिष्ठतम जजों के कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश की है. जस्टिस वर्मा वही से आये थे. जस्टिस के तबादले होते रहते हैं लेकिन इस मामले में खास बात यह है कि यह फैसला जज साहब के बंगले में लगी आग के बाद किया गया है.

जस्टिस यशवंत वर्मा बंगले की आग तो बुझ गई है लेकिन उनके दौलतखाने की आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. बताया जा रहा है कि आग बुझाने के बाद जब दमकलकर्मियों और पुलिस ने जज साहब के कमरे खोले तो उनकी आंखे फटी की फटी रह गईं. उनके कमरे से बेशुमार कैश पड़ा हुआ था. इसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अफसरों को दी गई और उसके बाद यह कार्रवाई हुई है.

जस्टिस के बंगले से मिले करोड़ो रुपये

सूत्रों के मुताबिक होली की छुट्टियों के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में अचानक आग लग गई थी. जिस समय आग लगी जज साहब घर पर नहीं थे. बंगले से किसी ने आग की सूचना फायर ब्रिगेड को दी. सूचना पाकर दमकलकर्मी और पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और आग बुझाई. आग बुझाने के बाद दमकलकर्मी बंगले के कमरों को चेक करने लगे कि कही आग रह तो नहीं गई है. इसी दौरान जब उन्होंने कमरों के दरवाजा खोले तो करोड़ों रुपए कैश देखकर सन्न रह गये. इसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अफसरों को दी गई और वहां से चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को अवगत कराया गया.

SC ने किया जस्टिस वर्मा का तबादला

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने आपात बैठक की और इसमें जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर की सिफारिश की गई. उन्हें वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने का फैसला हुआ है. वह अक्टूबर 2021 में वहीं से ट्रांसफर होकर दिल्ली हाईकोर्ट में आये थे. सूत्रों के मुताबिक,आपात कॉलेजियम की बैठक में इन-हाउस जांच पर भी विचार किया गया लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका. कॉलेजियम के कुछ सदस्यों ने कहा कि सिर्फ तबादले से बात नहीं बनेगी. इससे गलत संदेश जाएगा, सुप्रीम कोर्ट अपनी व्यवस्था के तहत पूरे मामले की जांच कराये. ऐसा नहीं किया गया तो न्यायपालिका के प्रति लोगों का विश्वास घटेगा.

जस्टिस वर्मा हो सकते हैं बर्खास्त

आपको बता दें कि किसी भी हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ भ्रष्टाचार, अनियमितता या कदाचार की जांच के लिए  1999 में सुप्रीम कोर्ट ने इन-हाउस जांच प्रक्रिया तैयार की थी. इसके तहत, मुख्य न्यायधीश पहले संबंधित न्यायाधीश से स्पष्टीकरण लेंगे और उसके बाद जरूरत के मुताबिक एक इन हाउस समिति बनाकर जांच करा सकते हैं. जांच में जज के दोषी पाये जाने पर उनसे इस्तीफा मांगा जा सकता है. यदि वह इस्तीफा नहीं देते हैं तो महाभियोग चलाने के लिए सिफारिश की जा सकती है. महाभियोग संसद में चलता है.

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