नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन करने के प्रस्ताव पर विचार करने से मना कर दिया हैं। केंद्र करकार अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते और मंहगाई राहत का भुगतान करती है ताकि मुद्रास्फीति के चलते उनके वेतन और पेंशन के वास्तविक मूल्य की भरपाई किया जा सके। केंद्रीय कर्मचारियों […]
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन करने के प्रस्ताव पर विचार करने से मना कर दिया हैं। केंद्र करकार अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते और मंहगाई राहत का भुगतान करती है ताकि मुद्रास्फीति के चलते उनके वेतन और पेंशन के वास्तविक मूल्य की भरपाई किया जा सके। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की दर जनवरी तक 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा होने की उम्मीद है। डीए की दर 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर तय की जाती है।
आठवें वित आयोग का गठन अभी नहीं
वित मंत्रालय ने सदन में जानकारी दी कि अभी आठवें वेतन आयोग के गठन पर फिलहाल कोई विचार नहीं किया जा रहा है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 25 जुलाई 2023 को एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि आठवें वेतन आयोग के गठन पर सरकार फिलहाल कोई विचार नहीं कर रही हैं। सवाल यह पूछा गया था कि क्या सरकार ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की रिपोर्ट में निहित पैरा 1.22 पर विचार नहीं किया है।
हर छह महिने में किया जाता है संशोधन
औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर डीए/डीआर की दरों को समय-समय पर हर छह महिने में संशोधित किया जाता है लेकिन इस बार सरकार ने संसद मे जानकारी दिया है की सरकार अभी आठवें वेतन आयोग के गठन पर अभी विचार नहीं कर रही हैं। जनवरी 2023 में वेतन और पेंशन के दरों को 42% तक बढ़ा दिया गया था। जबकि जनवरी 2024 से डीए/डीआर की दर 50 प्रतिशत या उससे भी अधिक होने का अनुमान है।