Budget: दो बच्चे होने पर मिलती थी टैक्स में छूट, 1947 से अबतक आयकर का सफर

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2023-24 भाषण में घोषणा की थी कि इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए आयकर दर बढ़ाई जाएगी. साथ ही आयकर की दर 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये नई टैक्स व्यवस्था के तहत कर दी गई है. इस दौरान सुपर रिच पर टैक्स घटाकर 37 फीसदी […]

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Budget: दो बच्चे होने पर मिलती थी टैक्स में छूट, 1947 से अबतक आयकर का सफर

Shiwani Mishra

  • February 1, 2024 9:14 am Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2023-24 भाषण में घोषणा की थी कि इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए आयकर दर बढ़ाई जाएगी. साथ ही आयकर की दर 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये नई टैक्स व्यवस्था के तहत कर दी गई है. इस दौरान सुपर रिच पर टैक्स घटाकर 37 फीसदी कर दिया गया था. दरअसल पेंरिटायर्ड कर्मियों के लिए लिव इनकैशमेंट की सुविधा में इजाफा कर उसे 3 लाख से 25 लाख रुपये कर दिया गया था,

और पिछले साल नई कर व्यवस्था खत्म कर दी थी. केंद्र सरकार द्वारा 1 अप्रैल, 2020 को नई कर प्रणाली शुरू की गई थी, और नई कर प्रणाली ने नई कर दरें भी बनाईं, लेकिन आयकर में मिलने वाली सभी कटौतियां और लाभ समाप्त कर दिए गए, और आजादी के बाद से देश ने इनकम टैक्स के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव देखे गए हैं, तो आइए इसके बारे में जानें…

आजाद भारत का पहला बजट 16 नवंबर 1947 हुआ था

आजाद भारत का पहला बजट 16 नवंबर 1947 को पेश किया गया था, और इसे देश के पहले वित्त मंत्री आर.के. शनमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया था. दरअसल एक तरह से ये भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक रिपोर्ट थी. बता दें कि जब देश का पहला बजट पेश किया गया था, तब देश में 1500 रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं लगता था. दरअसल 2023 में मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में इस सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपये (नई कर व्यवस्था के तहत) कर दिया गया. देश की जनसंख्या बढ़ाने के लिए सबसे पहले 1955 में विवाहित और अविवाहित लोगों के लिए अलग-अलग कर-मुक्त आय की व्यवस्था शुरू की गई थी. इसके मुताबिक विवाहित लोगों को 2,000 रुपये की आय तक कर नहीं देना पड़ता था, और बैचलर्स के लिए ये सीमा सिर्फ 1000 रुपये थी.

इनकम टैक्स में छूट देने वाला दुनिया का इकलौता देश बना

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बता दें कि भारत 1958 में बच्चों की संख्या के आधार पर इनकम टैक्स में छूट देने वाला दुनिया का इकलौता देश बना, और शादीशुदा होने पर यदि बच्चा नहीं है तो 3000 रुपये तक की आय पर टैक्स भी नहीं देना पड़ता था, अगर 1 बच्चे वाले व्यक्तियों के लिए 3300 रुपये और 2 बच्चों पर 3600 रुपये की आय टैक्स फ्री थी. दरअसल 1973-74 में भारत में आयकर की दर सबसे ज्यादा थी, और उस समय आयकर वसूलने की अधिकतम दर 85 फीसदी कर दी गई थी, जिससे सरचार्ज मिलाकर ये दर 97.75 फीसदी तक पहुंच जाती थी. 2 लाख रुपये की आमदनी के बाद हर 100 रुपये की कमाई में से सिर्फ 2.25 रुपये ही कमाने वाले की जेब में जाते थे, और बाकी 97.75 रुपये सरकार रख लेती थी.

Budget: दो बच्चे होने पर मिलती थी टैक्स में छूट, 1947 से अबतक आयकर का सफर

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