नई दिल्ली: आज के वक़्त में हर कोई बैंक जाता है और ATM का इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए करता है। ऐसे में जरा याद कीजिए कि पिछली बार जब आप ATM से पैसे निकालने गए थे और पैसे निकालते समय 2000 रुपए के नोट मिले थे। ज्यादातर लोगों का कहना है कि ATM में […]
नई दिल्ली: आज के वक़्त में हर कोई बैंक जाता है और ATM का इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए करता है। ऐसे में जरा याद कीजिए कि पिछली बार जब आप ATM से पैसे निकालने गए थे और पैसे निकालते समय 2000 रुपए के नोट मिले थे। ज्यादातर लोगों का कहना है कि ATM में 2000 रुपये का गुलाबी नोट दिखना बहुत ही मुश्किल हो गया है।
चलन में होने के बावजूद लोग 2,000 रुपए के नोट को नहीं देख पाते हैं। जब संसद में सरकार से पूछा गया कि क्या RBI ने बैंकों को ATM के जरिए 2000 रुपए के नोट देने पर रोक लगा दी है, तो सरकार ने ऐसी बातों से साफ इनकार कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों को ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है।
क्या गुलाबी नोट ATM में बंद?
मिली जानकारी के मुताबिक, लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सांसद संतोष कुमार ने वित्त मंत्री से पूछा कि क्या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एटीएम से 2000 रुपये के नोट बांटने पर रोक लगा दी है. इस सवाल के लिखित जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि RBI ने बैंकों को ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम में 2,000 रुपये के नोटों को ATM में नहीं भरने को लेकर बैंकों को कोई आदेश नहीं दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले उपयोग, उपभोक्ता की जरूरतों और सीजनल रुझानों को ध्यान में रखते हुए बैंक खुद ATM में रखने के लिए राशि और डिनॉमिनेशन तय करते हैं।
आपको बता दें, वित्त मंत्री से पूछा गया कि चूंकि आरबीआई ने 2000 रुपये के नोटों की छपाई पर रोक लगा दी है। तो इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि RBI की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 के बाद से 2000 रुपये के नोटों की आपूर्ति की कोई माँग नहीं आई है। साथ ही दिसंबर 2021 की शुरुआत में सरकार ने संसद को बताया था कि 2018 से -19 2,000 रुपये के नोटों की छपाई के लिए कोई नया आदेश नहीं था, इसलिए 2,000 रुपये के नोटों की सँख्या में कमी आई थी।
मालूम हो कि सरकार से यह भी पूछा गया कि कुछ आंकड़ों के मुताबिक 9.21 लाख करोड़ रुपये की नोटबंदी के बाद जारी किए गए 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए और ये नोट कालाधन बन गए? इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा डेटा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि RBI की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2017 के अंत तक 500 रुपये और 2000 रुपये के नोटों की संख्या 9,512 लाख रुपये थी।