नई दिल्ली: आखिरकार आज वो दिन आ ही गया श्रद्धालु जिसका इंतजार रामलला के भक्त सदियों से कर रहे थे. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी पूर्ण हो चुकी है. दरअसल ‘प्रतिष्ठित परमेश्वर’ मंत्र के उच्चारण और विधि-विधान के साथ भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा जो पूरी हो […]
नई दिल्ली: आखिरकार आज वो दिन आ ही गया श्रद्धालु जिसका इंतजार रामलला के भक्त सदियों से कर रहे थे. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी पूर्ण हो चुकी है. दरअसल ‘प्रतिष्ठित परमेश्वर’ मंत्र के उच्चारण और विधि-विधान के साथ भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा जो पूरी हो चुकी है, और पूजा के दौरान भगवान राम की मूर्ति की तस्वीर भी सामने आ चुकी है, जिसमें वो बाल स्वरूप में श्यामल पत्थर से तैयार नज़र आ रहे हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि रामलला की मूर्ति काली या श्यामल ही क्यों हैं. तो चलिए जानते हैं इस बारे में…
रामलला की मूर्ति बहुत ही सुन्दर है, और इस मूर्ति में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद आराम की मुद्रा में नजर आ रहे हैं. बता दें कि रामलला के चेहरे पर एक मुस्कान है,जो उनके अनुयायियों को मंत्रमुग्ध कर देती है, और उनके आदर्श श्याम शिला से हुआ है. इसी कारण रामलला की मूर्ति का रंग गहरा है, और इस काले पत्थर को श्री कृष्ण शिला कहा जाता है, जो शास्त्रों में रामलला की मूर्ति जिस कृष्ण शिला से बनी है, उसे बेहद खास माना गया है. बता दें कि जिस श्याम शिला से भगवान श्री राम की मूर्ति बनाई गई है, उसकी आयु हजारों साल तक होती है. हालांकि इस मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा, और ऐसा कहा जा रहा है कि चंदन, रोली आदि लगाने से भी मूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
रामलला की मूर्ति में 5 साल के बालक की कोमलता की झलक नज़र आ रही है, और इस मूर्ति में बालत्व, देवत्व और एक राजकुमार तीनों की छवि दिखाई दे रही है. हालांकि मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है, इसकी कुल ऊंचाई 4.24 फीट, और चौड़ाई तीन फीट है. दरअसल कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर और धनुष है. ये कृष्ण शैली में मूर्ति बनाई गई है.
बता दें कि रामलला की मूर्ति पर ऊपर की ओर स्वस्तिक, ॐ, चक्र, गदा और सूर्य देव विराजमान हैं. रामलला के चारों ओर एक आभामंडल है. भगवान राम के हाथ उनके घुटनों तक पहुँचते हैं. मस्तक सुन्दर है, आँखें बड़ी हैं, और माथा भव्य है. उनका दाहिना हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में है. दरअसल मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार देखे जा सकते हैं, और मूर्ति के नीचे एक तरफ भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी और दूसरी तरफ गरुड़ जी बने हुए हैं.