नई दिल्ली: 3 मई 2000 से देश भर में एक्सचेंज नोट्स शुरू हो गए हैं। जिसने भी 2000 का नोट अपने पास रखा है, वह कैसे न कैसे करके इन नोट्स को बैंक से बदलवा रहा है। क्योंकि सरकार ने 2000 के नोट बदलने की समय सीमा 23 मई से 30 सितंबर तक तय की है। इसके लिए रिजर्व बैंक ने गाइडलाइंस भी जारी की है। लेकिन आपके मन में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा कि इतने 2000 के नोट्स का रिजर्व बैंक क्या करेगा? इस खबर में आपको इन सभी सवालों के जवाब सरल शब्दों में मिलेंगे।
जानकारी के मुताबिक बंद होने के बाद नोट RBI के 19 अलग-अलग रीजनल दफ्तरों में पहुंचती हैं। इसके बाद, बैंक नोटों को Currency Verification and Processing System (CVPS) प्रक्रिया से गुजरना होगा। जिसमें असली और नकली नोटों की भी पहचान की जाती है। इसके बाद, RBI मशीनें इन नोटों को कतरन में बदल देती हैं। हम आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने देशभर में 60 से ज्यादा कतरन मशीनें लगाई हैं। इन 2000 के नोटों के कतरन बनने के बाद इनके ब्रिक्स तैयार किए जाते हैं। इसके बाद इस रद्दी को टेंडर प्रोसेस के जरिए पेपर रिसाइकिल कंपनियों को बेचा जाता है…
रिसाइकिलिंग कंपनी इन्हें गिफ्ट मेकर्स को बेचती है। जिसके बाद इन कतरनों से शानदार गिफ्ट पैकेज बनाए जाते हैं। कार्डबोर्ड गिफ्ट, पेन, टेबल लैंप, कोस्टर आदि बनाए जाते हैं। ये उपहार RBI के सोवेनियर शॉप्स (Souvenir Shops) से खरीदे जा सकते हैं। इतना ही नहीं, National School of Design (NID) के बच्चे इन कटआउट से गिफ्ट आइटम भी बनाते हैं। कोकाटा म्यूजियम में RBI की एक दुकान भी है। जहां कतरन से बने गिफ्ट आइटम बेचे जाते हैं।
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