नई दिल्ली/अमरावती: फाइबरनेट घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अग्रिम जमानत याचिका पर आज सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होगी. इस मामले की जांच कर सीआईडी पहले ही नायडू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है. इस एफआईआर को रद्द करने के लिए चंद्रबाबू नायडू ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था.
क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस योजना में अपने फायदे वाली कंपनी को 330 करोड़ रुपये का ठेका दिया और इससे राज्य को भारी नुकसान पहुंचा है. इसके साथ ही काम के पूरा होने तक भी कंपनी के कार्यों में कई अनियमितताएं मिली हैं.
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ सीआईडी पांच मामलों की जांच कर रही है. जिसमें गैरकानूनी शराब की दुकानों का लाइसेंस देने वाला घोटाला भी शामिल है. इसमें 31 अक्टूबर को जांच एजेंसी ने पूर्व सीएम के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके साथ ही चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ अंगालू केस, स्किल डेवलेपमेंट घोटाला, अपरावती रिंग रोड मामला और फाइबर नेट स्कीम केस में जांच चल रही है.
गौरतलब है कि 371 करोड़ रुपये के स्किल डेवलपमेंट घोटाले में पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को सीआईडी ने 9 सितंबर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद विजयवाड़ा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अदालत में पेश किया गया था. फिर अदालत ने उन्हें 23 सितंबर तक के लिए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर को नायडू को 4 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी.
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