लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के युवा साइंटिस्ट योगेश्वर नाथ मिश्रा ने दुनियाभर में भारत का नाम रोशन किया है. आजमगढ़ से शुरू हुआ योगेश्वर नाथ मिश्रा का कैलिफोर्निया तक का सफर बहुत ही कठिन रहा. योगेश्वर के पिता अपने बेटे का सपना पूरा करने के लिए कई बलिदान दिए हैं, वही परिवार के साथ साथ गांव में भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिवार और लोगों का कहना है कि योगेश्वर मिश्रा ने एक ऐसे कैमरे का आविष्कार किया है जो आमतौर पर किसी भी केमिकल की स्थिति का फोटो ले सकता हैं. यह कैमरा बहुत ही उपयोगी माना जा रहा है, योगेश्वर मिश्रा किसी रिसर्च को लेकर जर्मनी में है लेकिन उनके गैरमौजूदगी में भी लोग बहुत खुश हैं।
योगेश्वर मिश्रा अपने ही गांव के अंबेडकर प्राइमरी स्कूल से पढ़ाई की शुरुआत की. इसके बाद अपने गांव से चार किलोमीटर दूर स्थिति इंटर कॉलेज में इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली चले गए। उसके बाद अपने मंजिल प्राप्त किए. उनके पिता का ख्वाइश था कि वह अपने बेटे को आईएएस बनाना चाहते थे।
जब योगेश्वर मिश्रा ने पिता को बताया कि हमें दिल्ली पढ़ने के लिए जाना हैं तो उनके पिता ने कहा कि ठीक है. फिर योगेश्वर मिश्रा कहते हैं कि हम आईएएस निकाल लेंगे लेकिन आपका नाम हिंदुस्तान में ही नाम होगा. हम ऐसा काम करना चाहते हैं कि आपका नाम दुनियाभर में हो जाए. ईश्वर ने उनकी भविष्यवाणी को सुन ली. वैज्ञानिक योगेश्वर मिश्रा के छोटे भाई कमलेंद्र नाथ मिश्र बहुत खुश हैं, उनका कहना है कि मैंने अपने भैया से बहुत कुछ सीखा है और भाई से मुझे प्रोत्साहन मिलता है, मैंने भैया को देखा कि खुद से ज्यादा हमें प्यार करते हैं।
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