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पिता शौक के चक्कर में बना हैवान, 60 हजार रुपये में बेच डाला अपना ही खून, पढ़कर दहल जायेगा दिल

60 हजार रुपयों के लिए नवजात शिशु को बेचकर पिता ने नई मोटरसाइकिल खरीद ली। जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो कहा कि वह बच्चा नहीं पाल सकता था। इसलिए उसे दान में दे दिया है।

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Cute baby boy and danger father
  • December 29, 2024 10:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 days ago

नई दिल्ली: यह मामला ओडिशा के बालासोर जिले के हदामौद गांव से सामने आया है, जहां एक पिता ने अपने नवजात बेटे को एक नि:संतान दंपति को केवल इसलिए बेच दिया ताकि वह नई बाइक खरीद सके। शांति पात्रा और धर्मू बेहरा की शादी के बाद शांति ने दो बेटे को जन्म दिया था। धर्मू की पहली शादी से भी एक बेटा था।

पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन

19 दिसंबर, 2024 को धर्मू ने शांति को डिलीवरी के लिए एक अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, धर्मू ने अपने नवजात बेटे को मयूरभंज जिले के एक दंपति को 60,000 रुपये में बेच दिया। यह सौदा गांव के दो युवकों ने करवाया। घटना का खुलासा तब हुआ जब धर्मू ने उस पैसे से एक नई बाइक खरीदी और गांव में घूमने लगा, जिससे ग्रामीणों को शक हुआ। इसके बाद इस बारे में बाल कल्याण समिति को सूचित किया गया। मयूरभंज के खुंटा थाने की आईआईसी सुजाता खमारी ने बताया कि बाल कल्याण समिति की सूचना पर संयुक्त ऑपरेशन चलाकर बच्चे को सुरक्षित कर लिया गया। बच्चा अब बाल कल्याण समिति की देखरेख में है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

बच्चे को खरीदने वाले दंपति के बारे में जानकारी

बाल कल्याण समिति के अनुसार, बच्चे को खरीदने वाले दंपति की शादी को 15 साल हो चुके थे, लेकिन उनके कोई संतान नहीं थी। उन्होंने कथित रूप से 60,000 रुपये में बच्चा खरीदा। धर्मू और शांति पात्रा ने इस दंपति से एक बिचौलिए के जरिए संपर्क किया। विक्रेता दंपति के पास पहले से तीन बच्चे थे और उन्होंने चौथे बच्चे को पालने में कठिनाई महसूस की, इस कारण से उन्होंने बच्चे को बेचने का फैसला किया। बाल कल्याण समिति ने बताया कि यह सौदा सीधे अस्पताल में हुआ था और इसके बाद धर्मू ने पैसे से मोटरसाइकिल खरीदी और गांव में घूमने लगा। स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी दी, जिससे इस अवैध व्यापार का पता चला।

हमने बच्चा बेचा नहीं, दान किया

मां शांति पात्रा ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने पैसे के लिए बच्चे को नहीं बेचा। उनका कहना था कि उन्होंने बच्चे को दान में दिया और किसी भी पैसे का लेन-देन नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि मोटरसाइकिल लेने का जो आरोप है, वह सच नहीं है, क्योंकि पैसे न चुका पाने के कारण वह मोटरसाइकिल वापस हो गई थी। बाल कल्याण समिति ने बच्चे को सुरक्षित रखा है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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