Farooq Abdullah Detained Under Draconian Act: ड्रेकोनियन पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को किया डीटेन, बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रख सकती है सरकार

Farooq Abdullah Detained Under Draconian Act, Draconian Act ke tahat Farooq abdullah ko liya hirasat mein: फारूक अब्दुल्ला को ड्रेकोनियन पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत डीटेन किया गया है यानि हिरासत में लिया गया है. ये एक्ट सरकार को एक व्यक्ति को दो साल तक बिना मुकदमा चलाए हिरासत में रखने की अनुमति देती है. बता दें कि फारुक अब्दुल्ला कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से हाउस अरेस्ट पर हैं. हालांकि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि उन्हें नजरबंद नहीं किया है वो अपनी मर्जी से घर में बंद हैं.

Advertisement
Farooq Abdullah Detained Under Draconian Act: ड्रेकोनियन पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को किया डीटेन, बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रख सकती है सरकार

Aanchal Pandey

  • September 16, 2019 12:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने से पहले से ही नजरबंद रखा गया है. अब खबर है कि उन्हें ड्रैकियन पब्लिक सेफ्टी एक्ट, पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला पर लगाए जाने वाला ये अधिनियम सरकार को एक व्यक्ति को दो साल तक बिना मुकदमा चलाए हिरासत में रखने की अनुमति देता है. इसे सबसे पहले फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला के कार्यकाल के दौरान इस्तेमाल किया गया था. फआरूक अब्दुल्ला के निवास को सहायक जेल घोषित किया गया है और वह अपने घर में रहना जारी रखेंगे. हालांकि, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने पर कोई रोक नहीं है.

फारूक अब्दुल्ला 5 अगस्त से घर में नजरबंद हैं. ये तब से है जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया. हाल ही में, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों को फारूक और उनके बेटे और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला से मिलने की इजाजत दी गई थी, लेकिन इस प्रतिबंध के साथ कि वे बैठक के बाद मीडिया से बातचीत नहीं कर सकते. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अब्दुल्ला को कोर्ट में पेश करने की मांग पर जवाब मांगा है.

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और एस ए नाजेर की पीठ ने केंद्र और राज्य को नोटिस जारी किया और राज्यसभा सांसद और एमडीएमके नेता वाइको की याचिका पर 30 सितंबर को सुनवाई के लिए निर्धारित किया. वाइको ने कहा कि वह पिछले चार दशकों से अब्दुल्ला के करीबी दोस्त हैं, उन्होंने कहा है कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता को बिना किसी अधिकार के अवैध हिरासत में रखा गया है. एमडीएमके प्रमुख और नेता वाइको ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को तमिलनाडु के पूर्व सीएम और डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरई की 15 सितंबर को 111 वीं जयंती समारोह में शामिल होना था.

Habeas Corpus In SC For Farooq Abdullah Search: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला को ढूंढने के लिए राज्यसभा सांसद वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में दर्ज की हैबियस कोर्पस याचिका

Jamiat Ulama-i-Hind Supports Article 370 Revoked: जमीयत उलमा ए हिन्द ने किया 370 के प्रावधानों को हटाने का समर्थन, कहा- कश्मीर भारत का हिस्सा

Tags

Advertisement