पंजाब: शिक्षा बोर्ड की अनुमित के बगैर कई स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है किसान आंदोलन

पंजाब:

चंडीगढ़, तीन कृषि कानून के खिलाफ चले किसान आंदोलन को पंजाब के कुछ निजी स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है. बता दे कि ये पढ़ाई पंजाब के शिक्षा बोर्ड (Punjab Education Board) की अनुमित के बिना ही कराई जा रही है. दिल्ली सीमा (Delhi Border) पर एक साल से भी अधिक समय तक चले इस आंदोलन (Farmer Protes) को कई निजी स्कूलों ने अपने यहां पाठ्यक्रम में शामिल किया है।

निजी प्रकाशक की किताब को किया गया शामिल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक निजी प्रकाशक की पुस्तक को छठी कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है. इस पुस्तक का नाम ‘मोह दिया तंदा’ है. इसमें पांच पृष्ठ में एक चैप्टर के रूप में किसान आंदोलन (Farmer Protes) को शामिल किया गया है।

100 से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाई का दावा

जानकारी के मुताबिक किसान आंदोलन पर लिखी गई पुस्तकों को 100 से अधिक निजी स्कूलों ने अपने पाठ्यक्रम (Syllabus में शामिल किया है. जिसमें तलवंडी कलां के एमएलडी स्कूिल, गोल्डन अर्थ कान्वेंट स्कूल, जगराओं के स्प्रिंग ड्यू स्कूल, सेंट जीडीएस कान्वेंट स्कूल शामिल है।

पंजाब शिक्षा बोर्ड की इजाजत लेना जरूरी होता है

गौरतलब है कि किसी भी लेखक को अपनी पुस्तक, निबंध, कहानी आदि सिलेबस में शामिल कराने के लिए पंजाब शिक्षा बोर्ड से इजाजत लेना होता है. इसमें शिक्षा बोर्ड इस बात का ध्यान रखता है कि राष्ट्रीय एकता और धार्मिक आस्था को ठेस न पहुंचे. बोर्ड (Punjab Education Board) पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही किसी विषय को सिलेबस में शामिल करता है।

 

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