इंडियन फार्मर एसोशिएशन के सहायता संघ (CIFA) ने बीजेपी पर किसानों के साथ धोखे का आरोप लगाते हुए कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाम में हम बीजेपी को वोट नहीं देंगे. साथ ही ये भी सुनिश्चित करेंगे कि राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत कुछ राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी के उम्मीदवार को वोट न दें.
नई दिल्ली. इंडियन फारमर एसोशिएशन (CIFA) के सहायता संघ ने बुधवार को केंद्र की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को धोखेबाज बताते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे अपना वोट न देने की बात कही है. सीआईएफए ने कहा कि बीजेपी ने किसानों के साथ धोखा किया है, हमारे संघ में 13 किसान संस्थाएं शामिल हैं जिन्होंने 2019 को लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मतदान न देने का फैसला किया है. सीआईएफए के अध्यक्ष सतनाम सिंह बहरू ने चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इसके अलावा हमने यह भी तय किया है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत कुछ राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में भी किसान बीजेपी उम्मीदवारों को वोट न दें.
उन्होंने कहा कि भाजपा उम्मीदवारों का बहिष्कार करने के उनके इरादे को यह नहीं माना जाना चाहिए कि किसान चुनाव के दौरान किसी विशेष राजनीतिक दल को लाभ देना चाहते थे.सतनाम सिंह बहरू ने कहा, ‘हमने गैर-बीजेपी दलों या एक स्वतंत्र उम्मीदवारों को मतदान करने वालों से अपील की है. यह निर्णय बीजेपी को कृषि समुदाय को धोखा देने के लिए एक सबक सिखाने के लिए लिया गया है.’
उन्होंने कहा कि ‘बीजेपी ने वादा किया था कि 2014 में अपने चुनाव घोषणापत्र में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाएगा. लेकिन सत्ता में आने के बाद बीजेपी सरकार ने इसे लागू करने से इनकार कर दिया.’ सरकार पर “किसान विरोधी” होने का आरोप लगाते हुए बहरू ने कहा कि बीजेपी सरकार गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सिर्फ ‘105 रुपये प्रति क्विंटल’ बढ़ाकर समुदाय के साथ ‘क्रूर मजाक कर रही है’.उन्होंने कहा, ‘किसानों की इनपुट लागत में काफी वृद्धि हुई है और सरकार ने गेहूं एमएसपी में केवल 105 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि की है जो काफी अपर्याप्त है.’
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