Farmer Crop Insurance: किसान फसल बीमा के कारण सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों को 4,085 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों को 3,000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है. इसका कारण है कि प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों ने जितना प्रीमियम लिया किसानों ने उतना क्लेम नहीं किया.
नई दिल्ली. किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने फसल बीमा योजना शुरू की थी. इसके लिए 11 प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों को भी योजना से जोड़ा गया था. हालांकि सरकार को इस योजना से करोड़ों का नुकसान हो रहा है लेकिन वहीं प्राइवेट कंपनियों को बड़ा फायदा हो रहा है. एक रिपोर्ट जारी की गई है जिसके मुताबिक वित्तिय वर्ष 2017-18 में सरकारी कंपनियों को किसान फसल बीमा योजना से 4,085 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ लेकिन प्राइवेट कंपनियों को 3,000 करोड़ का मुनाफा हुआ.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसान फसल बीमा करने वाली सभी 11 प्राइवेट बीमा कंपनियों को मार्च 2018 में खत्म होने वाले वित्तिय वर्ष में 3 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. वहीं सरकारी कंपनियों ने 4085 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया. दरअसल ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्राइवेट बीमा कंपनियों ने किसान फसल बीमा के लिए जो प्रीमियम किसानों से लिया वो फसल नुकसान क्लेम से ज्यादा रहा. किसानों ने जितना प्रीमियम भरा उतना फसल नुकसान होने पर क्लेम नहीं किया. किसानों ने आमतौर पर बाढ़, भूकंप, बारिश की कमी या ज्यादा बारिश होने से जो फसल नुकसान हुआ उस पर बीमा क्लेम किया.
वहीं इंश्योरेंस रेगुलेटरी ऐंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया -आईआरडीएआई की रिपोर्ट के मुताबिक 11 प्राइवेट बीमा कंपनियों ने किसानों से लगभग 11,905.89 करोड़ रुपये प्रीमियम लिया लेकिन किसानों के फसल नुकसान के दावे पर केवल 8,831.78 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया. इसी कारण कंपनियों को ३000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. वहीं सरकारी कंपनियों की बात करें तो किसानों से सरकारी कंपनियों ने 13,411.1 करोड़ रुपये प्रीमियम के तौर पर वसूले. इन कंपनियों ने किसानों को फसल नुकसान के लिए 17,496.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इस कारण सरकारी कंपनियों को 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. दरअसल केंद्र और राज्य सरकार किसान को फसल बीमा का 98 प्रतिशत प्रीमियम देती है और बाकि दो प्रतिशत किसान को देना होता है.