नई दिल्ली. मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों की वापसी ( Farm Laws revokes ) के बाद से तमाम राजनितिक दलों और कई हस्तियों ने सरकार और खुद पीएम मोदी का घेराव शुरू कर दिया है. चाहे विपक्ष हो या किसान दोनों ही सरकार का घेराव कर रहे हैं, किसानों ने तो यहाँ तक ऐलान […]
नई दिल्ली. मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों की वापसी ( Farm Laws revokes ) के बाद से तमाम राजनितिक दलों और कई हस्तियों ने सरकार और खुद पीएम मोदी का घेराव शुरू कर दिया है. चाहे विपक्ष हो या किसान दोनों ही सरकार का घेराव कर रहे हैं, किसानों ने तो यहाँ तक ऐलान कर दिया है कि जब तक संसद में क़ानून वापस नहीं होता तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा. ऐसे में, आज केंद्रीय मंडीमंडल की कृषि कानूनों की वापसी को लेकर एक बैठक है जिस बैठक में कृषि कानूनों की वापसी पर मुहर लगाई जा सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और किसानों से किए अपने वादे को जल्द से जल्द पूरा करने की तैयारी में है, ऐसे में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है, इस बैठक में तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर मुहर लग सकती है. खबरों की मानें तो तीनों कृषि कानूनों की वापसी के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया जा सकता है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहले लोकसभा में कृषि कानूनों को वापस लेने वाले विधेयक पेश कर सकते हैं.
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा जो 29 नवंबर से शुरू होने वाला है. इस विधेयक का उद्देश्य तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी है. बता दें, बीते दिनों 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था, साथ ही यह वादा भी किया था कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए एक नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी.