नई दिल्ली. देश भर में कल किसानों के लिए बड़ी जीत का दिन था ऐसे में, किसानों के बीच हर्ष का माहौल है. बीते एक वर्ष से भी अधिक समय से चले आ रहे इस आंदोलन को आज नया रूप मिल गया है. तीनों कृषि कानून मोदी सरकार ने वापस ले लिए हैं. ऐसे में […]
नई दिल्ली. देश भर में कल किसानों के लिए बड़ी जीत का दिन था ऐसे में, किसानों के बीच हर्ष का माहौल है. बीते एक वर्ष से भी अधिक समय से चले आ रहे इस आंदोलन को आज नया रूप मिल गया है. तीनों कृषि कानून मोदी सरकार ने वापस ले लिए हैं. ऐसे में किसान दिल्ली के तमाम बॉर्डर और पूरे देश भर में जश्न मना रहे हैं, एक दुसरे का मुँह मीठा कर रहे हैं साथ ही नाचते गाते देखे जा रहे हैं. अब जब लम्बे समय से चले आ रहे आंदोलन को खात्मा होने को है तो ऐसे में सियासत एक बार फिर से तेज़ हो गई. विपक्ष ने मोदी सरकार को फिर से घेरना शुरू कर दिया. इसी कड़ी में भारतीय किसान संगठन के नेता राकेश टिकैत लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं.
बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया. ऐसे में, अब सवाल यह उठता है कि आखिर किसानों का धरना कब खत्म होगा? इस मामले पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कहते हैं कि जब तक संसद में तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा. इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना भी साधा है, राकेश टिकैत ने कहा कि “प्रधानमंत्री को इतना मीठा भी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 750 किसान शहीद हुए, 10 हजार मुकदमे हैं. बगैर बातचीत के कैसे चले जाएं. प्रधानमंत्री ने इतनी मीठी भाषा का उपयोग किया कि शहद को भी फेल कर दिया. हलवाई को तो ततैया भी नहीं काटता. वह ऐसे ही मक्खियों को उड़ाता रहता है.
बीते दिन कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान पर कई दिग्गज नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी, किसी ने इसे किसानों की जीत बताया था तो किसी ने वोट बैंक की राजनीति.