नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का ऐलान किया था। कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पर केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी […]
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का ऐलान किया था।
कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पर केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ परामर्श करने के बाद इस विधेयक को अंतिम रूप दिया है। कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 का उद्देश्य पिछले साल पारित तीन कानूनों को वापस लेना है । ये कानून हैं किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता , 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020।
पीएम मोदी ने कहा कि तीन कृषि कानून किसानों के लाभ के लिए थे लेकिन उनकी सरकार समझा नहीं सकी। “हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद किसानों के एक वर्ग को मना नहीं सकी”। उन्होंने कहा, ‘मैं देश की जनता से सच्चे और शुद्ध मन से माफी मांगता हूं… हम किसानों को नहीं समझा पाए। हमारे प्रयासों में कुछ कमी रही होगी कि हम कुछ किसानों को मना नहीं सके।पीएम मोदी ने कहा थि कि 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तीनों कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त कर दिया जाएगा।
तीनों विवादास्पद कृषि कानून के खिलाफ किसानों के एक साल से चल रहे आंदोलना का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कृषि कानूनों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है लेकिन साथ में यह भी कहा है कि उनका अंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक कि एमएसपी गारंटी कानून और अन्य मांगें पूरी नहीं हो जाती.