नई दिल्ली: दिल्ली में 4 साद बाद फैमिली कोर्ट (Family Courts in Delhi) की संख्या में इजाफा होने वाला है। उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने राजधानी में 10 और फैमिली कोर्ट के निर्माण को मंजूरी दे दी है। शहर में अब कुल 31 फैमिली कोर्ट हो जाएंगी। बता दें कि साल 2019 में ही दिल्ली […]
नई दिल्ली: दिल्ली में 4 साद बाद फैमिली कोर्ट (Family Courts in Delhi) की संख्या में इजाफा होने वाला है। उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने राजधानी में 10 और फैमिली कोर्ट के निर्माण को मंजूरी दे दी है। शहर में अब कुल 31 फैमिली कोर्ट हो जाएंगी। बता दें कि साल 2019 में ही दिल्ली में फैमिली कोर्ट बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया था, जिसे 4 साल बाद यानी अब 2023 में मंजूरी मिली है।
एलजी के इस फैसले के बाद अब 10 जज और 71 अन्य पदों के लिए भर्ती की जाएगी। ये पद हैं- रीडर, स्टेनो/सीनियर पीए, स्टेनो/पीए, अहलमद/जेए, सहायक अहलमद, नायब नाजिर, अर्दली और स्टाफ कार ड्राइवर की।
दरअसल फैमिली कोर्ट (Family Courts in Delhi) की संख्या बढ़ाने की मंजूरी इसलिए दी गई है, क्योंकि कोर्ट पर काम का बोझ ज्यादा हो गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली में फैमिली कोर्ट में करीब 46,000 मामले लंबित हैं। इसमें सबसे ज्यादा मामले अकेले रोहिणी कोर्ट में लंबित हैं। रोहिणी कोर्ट में लंबित मामलों कि संख्या कुल 3654 है। वहीं साकेत कोर्ट में सबसे कम 1321 मामले लंबित हैं।
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इसके अलावा सबसे अधिक 3654 मामले रोहिणी फैमिली कोर्ट में लंबित हैं। पारिवारिक न्यायालय, द्वारका के अनुसार, प्रतिदिन औसतन लगभग 150-200 पारिवारिक न्यायालयों में पंजीकृत होते हैं और इन न्यायालयों में लगभग 80% कर्मचारी विभिन्न अन्य विभागों से भिन्न क्षमता पर काम कर रहे हैं।