Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Indian Army: शहीद होने वाले अग्निवीर के परिवार को मिल सकती है पेंशन जैसी सुविधाएं, संसदीय समिति ने की सिफारिश

Indian Army: शहीद होने वाले अग्निवीर के परिवार को मिल सकती है पेंशन जैसी सुविधाएं, संसदीय समिति ने की सिफारिश

नई दिल्ली: ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले एग्न्यूर्स के परिवारों को नियमित सैनिकों की तरह पेंशन और अन्य लाभ मिलने चाहिए. बता दें कि एक संसदीय समिति ने ये सिफारिश की है कि मौजूदा नियमों के द्वार ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सैनिकों के परिवार नियमित सैनिकों के समान लाभ नहीं […]

Advertisement
Indian Army: शहीद होने वाले अग्निवीर के परिवार को मिल सकती है पेंशन जैसी सुविधाएं, संसदीय समिति ने की सिफारिश
  • February 10, 2024 10:50 am Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले एग्न्यूर्स के परिवारों को नियमित सैनिकों की तरह पेंशन और अन्य लाभ मिलने चाहिए. बता दें कि एक संसदीय समिति ने ये सिफारिश की है कि मौजूदा नियमों के द्वार ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सैनिकों के परिवार नियमित सैनिकों के समान लाभ नहीं ले सकते हैं. दरअसल रक्षा मामलों की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘परिजनों के दुख को ध्यान में रखते हुए, समिति मांग करती है कि ड्यूटी के दौरान बलिदान होने वाले अग्निवीर के परिजनों को भी वहीं फायदे और सुविधाएं मिलनी चाहिए, जो सामान्य सैनिकों को परिजनों को दी जाती हैं’.

जानें अग्निवीर योजनाखत्म हो सकता है अग्निवीरों की पेंशन का विवाद, मिलेंगी क्या क्या सुविधाएं? | Treat martyred Agniveers on par with soldiers for pension says Parliamentary Standing Committee | TV9 Bharatvarsh

बता दें कि जून 2022 में सरकार ने सेना की तीनों सेवाओं में अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी, और इस योजना के द्वारा युवाओं को सेनाओं में शॉर्ट टर्म के लिए शामिल किया जाता है. दरअसल अग्निवीर योजना का उद्देश्य सेना की तीनों अंगों में औसत उम्र को कम करना है, और अग्निवीर योजना के द्वारा 17 साल से लेकर 21 साल तक के युवाओं को सेना के तीनों अंगों में सेवा करने का अवसर मिलता है. साथ ही अग्निवीर योजना के द्वारा भर्ती होने वाले 25 प्रतिशत युवाओं को सेना में स्थायी कमीशन दिया जाता है.

संसदीय समिति ने अनुग्रह राशि बढ़ाने की मांग की

संसदीय समिति ने ड्यूटी के दौरान मारे गए सैनिकों के लिए प्रत्येक श्रेणी में लाभ 10 लाख रुपये बढ़ाने की भी सिफारिश की है. साथ ही रक्षा मंत्रालय ने समिति को बताया है कि ड्यूटी के बाद दुर्घटना, आतंकवादी हिंसा और असामाजिक तत्वों के हमले में मारे गए सैनिकों के परिवारों को वर्तमान में 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान भी किया जाता है.

बता दें कि सीमा पर झड़पों, आतंकियों या समुद्री लुटेरों से मुठभेड़ में शहीद होने वाले जवानों को फिलहाल 35 लाख रुपये का लाभ दिया जाता है. तो वहीं युद्ध के दौरान दुश्मन के हमले में शहीद हुए सैनिकों को 45 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाती है. संसदीय समिति ने अपनी सिफ़ारिश में कहा है कि ”सरकार को प्रत्येक श्रेणी में विवेकाधीन राशि 10- 10 लाख रुपये बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.” दरअसल पर्याप्त होगा, और न्यूनतम राशि 35 लाख रुपये और अधिकतम राशि 55 लाख रुपये होनी ही चाहिए.

Advertisement