Facebook Whatsapp Aadhar Link Supreme Court Case: फेसबुक और व्हाट्सएप को आधार से लिंक करने के मामले में आज 20 अगस्त को सुनवाई की गई. सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक और व्हाट्सएप की याचिका पर नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट में इन मामले में जो याचिकाकर्ता है उनको भी नोटिस भेजा गया. गूगल, यू ट्यूब को भी नोटिस दिया गया. 2 सितंबर तक नोटिस का जवाब मांगा गया है. केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया गया है.
नई दिल्ली. फेसबुक और व्हाट्सएप को आधार से लिंक करने के मामले में आज 20 अगस्त को सुनवाई की गई. सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक और व्हाट्सएप की याचिका पर नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट में इन मामले में जो याचिकाकर्ता है उनको भी नोटिस भेजा गया. गूगल, यू ट्यूब को भी नोटिस दिया गया. 2 सितंबर तक नोटिस का जवाब मांगा गया है. केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्यों ना सारे मामले सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर लिए जाएं. फेसबुक और व्हाट्सएप की तरफ से कहा गया कि कुल चार याचिकाएं दाखिल हुए है. 2 मद्रास में,1 ओडिसा में और 1 मुम्बई में. फेसबुक और व्हाट्सएप की तरफ से कहा गया कि हमें मिलियन कानून है जिसे देखना पड़ता है. करोड़ों यूजर है.
व्हाट्सएप की तरफ से कहा गया कि मद्रास हाई कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा इस मामले को देख रही है और सरकार ने कहा कि वो इस मामले में गाइड लाइन जारी करेगी. व्हाट्सएप को कपिल सिब्बल की तरफ से कहा गया कि पॉलिसी मामले को हाई कोर्ट कैसे तय कर सकती है. ये संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है. व्हाट्सएप की तरफ से कहा गया कि सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रंसफार किया जाए. सुप्रीम कोर्ट इस मामले को सुने और निपटारा करे. फ़ेसबुक की तरफ से मुकुल रोहतगी ने मांग की मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ही करे. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा मद्रास हाई कोर्ट में कितने याचिका लंबित है? फेसबुक की तरफ से कहा गया 2 याचिकाएं. ये निजिता का मामला है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट सुने और आदेश जारी करे. ऐसा न हो कि एक हाई कोर्ट कुछ आदेश पारित करे और दूसरा हाई कोर्ट कुछ और ये ग्लोबल मामला है. कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उनका पक्ष पूछा जाए. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि 18 दिनों तक इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. वहां फेसबुक की तरफ से कहा गया था कि वो हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को मानते है. अटॉर्नी जनरल ने ब्लू वेल का मुद्दा भी उठाया. अटॉर्नी जनरल ने कहा, ब्लू वेल को लेकर अभी भी पता लगाया जा रहा है कि इसको किसने बनाया था. ये बेहद गंभीर मामला है. मुकुल रोहतगी ने कहा, किन शर्तो पर जानकारी साझा की जाए? ये सारे सवाल भी कोर्ट के सामने है. क्रिमिनल मामले में कई प्रोसीजर है जिससे अपराधी तक पहुँचा जा सकता है.
अटॉर्नी जनरल ने कहा, हमारे पास वो मैकेनिजम नही है कि हम ओजीनेटर जा पता लगा पाए. आप ये देखिए ब्लू वेल के जरिये भारत में कितने लोग मर गए. आज तक इसका पता नही चल पाया कि इसे किसने बनाया था. मुकुल रोहतगी ने कहा, डार्कवेब ब्लू वेल से ज्यादा खतरनाक है. हमने सुना है. आज कल टेक्नोलॉजी में आपस में ही प्रतिस्पर्धा है आगे निकलने की. अटॉर्नी जनरल हर तरह के उस मैसेज जिसमें आपराधिक ऑफेंस शामिल हो या जिससे खुदखुशी को बढ़ावा मिलता है उसे बनाने वाले का पता चलना ही चाहिए. कपिल सिब्बल ने कहा कि आज इस तरह के ऐप मौजूद है जिसमें मेरे नम्बर का इस्तेमाल ही कर मैसेज भेजा जा सकता है. कल को ऐसा हो तो मैं सलाखों के पीछे चला जाऊंगा. ये बेहद गंभीर मामला है. इस लिए सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की सुनवाई करे.
एक याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि सभी केस अलग अलग है. केवल फेसबुक और व्हाट्सएप ही पक्ष नही है. सभी सोशल मीडिया को पक्ष बनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक और व्हाट्सएप की याचिका पर नोटिस जारी किया. हाई कोर्ट में इन मामले में जो याचिकाकर्ता है उनको भी नोटिस जारी किया. गूगल, यू ट्यूब के साथ केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया. 2 सितंबर तक नोटिस का जवाब मांगा. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्यों ना सारे मामले सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर लिए जाएं.
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