Explainer: तुनिषा शर्मा सुसाइड मामले में आए दिन कुछ न कुछ चौंका देने वाला ख़ुलासे हो रहे है. इस पूरे मामले को लेकर अदाकारा तुनीषा के एक्स बॉयफ्रेंड शीजान खान से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. इसी कड़ी में बीते दिन खबर आई थी कि शीजान खान ने पुलिस से जेल में भी लंबे बाल रखने की गुज़ारिश की है. लेकिन अब ताज़ा खबर के मुताबिक, शीजान के सिर के लंबे बाल का ये मामला अब अदालत में भी पहुँच गया है. ऐसे में लोगों के ज़हन में सवाल उठता है कि आख़िर कैदियों के साथ जेल में किस तरह का सुलूक किया जाता है और इसे लेकर किस तरह के नियम-कायदे बनाए गए हैं. तो आइये इस खबर के ज़रीये हम आपको इस बारे में बताते हैं:
इस वक़्त शीजान खान ख़ुदकुशी के उकसाने के इल्जाम में पुलिस हिरासत में हैं. आपको बता दें, गिरफ्तारी के बाद अपराधियों के सिर के बाल काट दिए जाते हैं. वहीं खान के वकील शैलेंद्र मिश्रा ने अदालत में गुज़ारिश की थी कि शीजान का सीरियल शूट होने के चलते बिना बालों को काटे जेल में रहने की इज़ाज़त दी जाए. अब अदालत ने आज सोमवार तक इस मामले में रोक लगा दी थी और जेल के अफ़सरों से रिपोर्ट माँगी थी.
जेल के अफसरों के मुताबिक, सिर्फ सिख मज़हब के कैदियों को ही जेल में लंबे बाल रखने की इज़ाज़त हैं. इसी तरह हिन्दू कैदियों को ’चोटी’ (सिर के पीछे बालों का गुच्छा) की इज़ाज़त हैं और मुसलमान क़ैदी दाढ़ी रख सकते हैं. इसके अलावा बाकी कैदी सिर पर बड़े बाल नहीं रख सकते हैं.
जेल में जब भी कोई नया कैदी आता है तो सबसे पहले उसे विजिटिंग रूम में रखा जाता है। उसके बाद जब यह तय हो जाता है कि उसे जेल में कहाँ रखना है और जेल की सारी कागज़ी कार्रवाई पूरी हो जाती है, तो कैदी को स्थायी वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है. ऐसा कैदियों के साथ तब किया जाता है जब वे जेल में दाखिल होते हैं.
1. वह अपने बाल कटवाएगा और दाढ़ी बनाएगा
2. वे कैदी को एक किस्म की संक्रमण-रोधी क्रीम देंगे, जिसे लगाना होगा
3. साथ जाने वाली सभी वस्तुओं को कीटाणुरहित करके लॉकर में रखा जाएगा। जिसमें उसके इस्तेमाल किए कपड़े, कागज, पर्स, घड़ी या अन्य सामान शामिल है.
4. वार्ड में भेजे जाने से पहले उसे जेल के कपड़े, बिस्तर और बर्तन मुहैया कराए जाते हैं.
5. कैदी का मेडिकल किया जाता है.
6. कैदी की पहचान दर्ज की जाती है.
7. उंगलियों के निशान और तस्वीरें ली जाती हैं.
8. इस बात की तस्दीक की जाती है कि वह कैदी नशे का आदि तो नहीं है.
जैसे ही एक कैदी को एक कमरा या एक बैरक मुहैया कराया जाता है, उसे उसके माप की साफ-सुथरी वर्दी दी जाती है, जिसे उसे पहनना चाहिए, मुकदमे में कैदियों की वर्दी इस हिसाब से तय की जाती है कि वो किस जुर्म की सजा भुगत रहे हैं. हल्की सजाएं भुगत रहे कैदी की यूनिफॉर्म कठोर सजा भुगत रहे कैदियों से अलग होती है. इससे जेल में पहचानने में आसानी होती है कि कौन सा कैदी किस कैटेगरी का है। हर कैदी को इसके लिए हर महीने साबुन का बार और सर्फ दिया जाता है. एक हफ्ते में कैदी को अपने कपड़े ज़रूर धोने होते हैं. अगर कपड़े वगरैह फट गए हैं या सिलाई खुल गई है तो रविवार के दिन वो उसे ठीक करा सकते हैं. जेल में पहनने के लिए उन्हें एक चप्पल भी मिलती है.
जेल में आम तौर पर कैदियों को दिन में तीन बार खाना मिलता है। जेल नियम के मुताबिक सुबह के वक़्त चाय और नाश्ता फिर दोपहर का खाना लगभग 12:30 बजे और रात का खाना 19:30 बजे परोसा जाता है। पुरुषों को एक दिन में 2,000 से 2,400 कैलोरी तक का खाना मिल जाता है, लेकिन अगर कोई भारी मेहनत कर रहा है, तो उसके खाने में भी 2,800 कैलोरी तक होती है। महिलाओं के लिए 2400 कैलोरी होती है, लेकिन यदि आप गर्भवती हैं, तो आपको अतिरिक्त पौष्टिक भोजन दिया जाता है.
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