नई दिल्ली: दिल्ली और उत्तर भारत में इस समय कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तरी भारत के ज्यादातर हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगर रेड का मतलब खतरे से है तो समझा जा सकता है कि जब शीतलहर में रेड अलर्ट बजता है तो […]
नई दिल्ली: दिल्ली और उत्तर भारत में इस समय कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तरी भारत के ज्यादातर हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगर रेड का मतलब खतरे से है तो समझा जा सकता है कि जब शीतलहर में रेड अलर्ट बजता है तो स्थिति कितनी गंभीर हो जाती है। ऐसे में आपको घर से कम निकलने की सलाह दी जाती है. आपको बता दें, हाड़ कंपा देने वाली ठंड मानव स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक मानी जाती है.
जब ठंडी हवाएं काफी तेज बहने लगती हैं और इसी वजह से तापमान में अचानक गिरावट होती है और ठंडी ज़्यादा पड़ने लगती है तो उसे शीतलहर कहते हैं। इसे सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। सामान्य तौर पर, यह कहा जा सकता है कि जब न्यूनतम सर्दियों का तापमान 4-5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है या 04 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो इसे शीतलहर कहा जाता है
क्या है भीषण ठंड जो कहर बरपा सकती है?
आपको बता दें कि यह भी काफी खतरनाक स्थिति होती है, जब दिन का तापमान 2 डिग्री या उससे कम हो जाता है। ठंड के मौसम में जब सामान्य न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से 6-7 डिग्री तक गिर जाता है, तो यह एक गंभीर शीत लहर है, जिसे सीवियर कोल्ड वेव के नाम से भी जाना जाता है.
जानिए शीतलहर से होने वाले खतरे:
– शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
– इससे जान जाने का खतरा है.
– मवेशी व जानवर मरने लगते हैं
– शरीर को अधिक कैलोरी की आवश्यकता होने लगती है।
– आप हाइपोथर्मिया जैसी गंभीर बीमारी का अनुभव करते हैं
– फसलें बर्बाद हो जाती हैं, पौधे मरने लगते हैं।
हम आपको बता दें कि 8 जनवरी, 2006 को दिल्ली और उत्तर भारत में 20 वर्षों में सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया, जब दिल्ली में पारा 0.2 पर पहुंच गया। उस दिन दिल्ली और उत्तरी भारत में तेज़, बर्फीली उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चलीं। दिन का अधिकतम तापमान भले ही 18.7 रहा, लेकिन धूप से लोगों को थोड़ी राहत महसूस हुई।