नई दिल्ली: देश के कई इलाकों में हाल के दिनों में बेमौसम भारी बारिश हुई है। इतना ही नहीं, कुछ इलाकों में तेज आंधी और ओले भी पड़े। इससे खेतों में लगी अनाज की फसल को काफी नुकसान हुआ। किसानों की सारी मेहनत बेकार गई। अनाज ही नहीं, बेमौसम बारिश से सरसों, अरहर, चना समेत […]
नई दिल्ली: देश के कई इलाकों में हाल के दिनों में बेमौसम भारी बारिश हुई है। इतना ही नहीं, कुछ इलाकों में तेज आंधी और ओले भी पड़े। इससे खेतों में लगी अनाज की फसल को काफी नुकसान हुआ। किसानों की सारी मेहनत बेकार गई। अनाज ही नहीं, बेमौसम बारिश से सरसों, अरहर, चना समेत तिलहनी और फलियां की कई फसलें चौपट हो गईं, किसानों को भारी नुकसान हुआ। इसके अलावा जिन किसानों की फसल कट चुकी थी, उनके खेतों में पड़ी फसलें नष्ट हो गईं। किसानों को राहत देने के लिए यूपी समेत कुछ राज्य सरकारों ने मुआवजे का ऐलान किया है। वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से कई किसानों को राहत मिलेगी। हम समझते हैं कि किसानों को खराब फसल का मुआवजा कैसे मिलता है।
बेमौसम बारिश और बर्फ़बारी से फसल खराब हुए किसानों को केंद्र सरकार ने राहत दी है। राज्य के कृषि मंत्री कैलाश चौधरी ने घोषणा की कि किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मिलने के बाद राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब की सरकारों ने भी तत्काल आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा यूपी और पंजाब सरकार ने फसलों के अलावा बिजली गिरने से पशुओं, घरों और जनहानि के लिए आर्थिक मदद की भी घोषणा की है।
बारिश और ओले पड़ने से फसल खराब होने पर किसान को सबसे पहले बीमा कंपनी या कृषि विभाग के कार्यालय को सूचित करना होगा। किसानों को फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर जानकारी देनी हो तो बेहतर होगा। इससे बैंक, बीमा कंपनी या कृषि विभाग को नुकसान की पुष्टि करने में आसानी होगी और किसानों को दावा भुगतान तेजी से किया जा रहा है। राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिसमें यह जानकारी दी गई है कि किस मुआवजे का दावा किया जा सकता है। वहीं, हरियाणा में किसानों के लिए विशेष काउंटर बनाए गए। मध्य प्रदेश और यूपी में, किसानों को 72 घंटों के भीतर फसल क्षति की रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया था।
पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसान मोबाइल एप के जरिए फसल नुकसान की जानकारी दे सकते हैं। वहीं, बीमा कंपनियों के मोबाइल एप्लिकेशन में भी यह जानकारी दी जा सकती है। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड का टोल फ्री नंबर 18004196116 है। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी का टोल फ्री नंबर 18002091111 है। इसके अलावा, किसान रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के टोल फ्री नंबर 18001024088 पर कॉल करके भी फसल क्षति की रिपोर्ट कर सकते हैं। फ्यूचर जेनराली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का टोल फ्री नंबर 18002664141, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड 18002095959, एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी 18002660700 है।
कुछ किसानों के खेतों में पड़ी फसल बारिश और ओलों से बर्बाद हो गई। ऐसे किसानों के लिए क्लेम के लिए 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी या कृषि अधिकारी को सूचित करना बहुत जरूरी है। यदि आप अपनी फसल की कटाई के 14 दिनों के भीतर बारिश या ओलों से नुकसान का अनुभव करते हैं, तो आप प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे के हकदार हैं।
किसान मुआवजे के हकदार कब होते हैं?
जब खेत में 33% से अधिक फसल बर्बाद हो जाती है, तो किसान मुआवजे का दावा कर सकते हैं। बेमौसम बारिश के बाद जब सरकार सब्सिडी की घोषणा करती है तो शिकायत पोर्टल खुल जाता है। किसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। आवेदन के बाद कृषि समन्वयक भौतिक सत्यापन करता है। वेरिफिकेशन के बाद ऐप को दोबारा सबमिट करें। इसके बाद आवेदन जिला कृषि अधिकारी के पास जाता है। जिला कृषि अधिकारी भी किसान के आवेदन की सच्चाई पता चलने पर भिजवाते हैं। इसके बाद डीबीटी सेल द्वारा मुआवजे का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाता है।