दिल्ली हाई कोर्ट ने संबंधित विभागों को स्कूली बच्चों के बीच मेंस्ट्रुएशन हाईजीन को लेकर जागरूकता लाने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने केंद्र, दिल्ली सरकार और स्थानीय निगम निकायों को इस विषय पर रिपोर्ट दायर करने का भी निर्देश दिया है.
नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने संबंधित विभागों को स्कूली बच्चों के बीच मेंस्ट्रुएशन हाईजीन को लेकर जागरूकता लाने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने केंद्र, दिल्ली सरकार और स्थानीय निगम निकायों को इस विषय पर उठाए जा रहे फंड की रिपोर्ट दायर करने का भी निर्देश दिया है.
वकील सेतु निकेत ने याचिका दायर की थी. उनकी मांग है कि केंद्र, दिल्ली सरकार और संबंधित निगम विभाग स्कूलों में मेंस्ट्रुएशन हाईजीन को लेकर एकजूट होकर मकैनिजम तैयार करें. इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई होगी. मासिक धर्म पर घरवाले खुलकर बात नहीं कर पाते है जिसके कारण बच्चों में मासिक धर्म को लेकर सही जानकारी नहीं होती हैं. स्कूलों के द्वारा बच्चों को मासिक धर्म और महिलाओं की स्वच्छता पर जागरूक किया जा सकता हैं.
पिछले काफी समय से देश में महिलाओं की स्वच्छता पर अभियान चलाया जा रहा है. देश के कई हिस्सों में महिलाओं को मासिक धर्म की अधुरी जानकारी होने के कारण कई तरह बीमारियों का सामना करना पड़ रहा हैं. मासिक धर्म में जागरूकता की कमी के कारण महिलाए सेनेटरी पैड का प्रोयग नहीं करती है जिसके कारण महिलाओं को वजाइना से संबंधित की बीमारियों से ग्रस्ति रहती हैं. भारत में आज भी महिलाए मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड का प्रयोग नहीं करती हैं. साथ ही मासिक धर्म को लेकर समाज में कई मिथ प्रचलित हैं. मासिक धर्म के दौरान आज भी महिलाए कई नियमों का पालन करती हैं.
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