Expaliner: तमिझगम या तमिलनाडु …नाम में ऐसा क्या जिससे उठा इतना बड़ा हंगामा

Expaliner: तमिलनाडु की राजनीति में सरकार और राज्यपाल आरएन रवि के बीच विवाद खड़ा हो गया है. विवाद का कारण राज्य का नाम है। सोमवार को अपने सदन के भाषण में, राज्यपाल ने राज्य का नाम तमिलनाडु से बदलकर तमिझगम करने की बात कही। अपने बयान में, DMK और उसके सहयोगियों, कांग्रेस और विदुथलाई चिरुथिगल […]

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Expaliner: तमिझगम या तमिलनाडु …नाम में ऐसा क्या जिससे उठा इतना बड़ा हंगामा

Amisha Singh

  • January 10, 2023 6:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

Expaliner: तमिलनाडु की राजनीति में सरकार और राज्यपाल आरएन रवि के बीच विवाद खड़ा हो गया है. विवाद का कारण राज्य का नाम है। सोमवार को अपने सदन के भाषण में, राज्यपाल ने राज्य का नाम तमिलनाडु से बदलकर तमिझगम करने की बात कही। अपने बयान में, DMK और उसके सहयोगियों, कांग्रेस और विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK) ने विरोध शुरू कर दिया।

 

राज्य के नाम पर बवाल

नारेबाजी और हंगामे के बीच राज्यपाल ने अपना भाषण ही रोक दिया और सदन छोड़कर बाहर निकल गए। भाषण के बाद सरकारी पार्टियों ने उन पर एक के बाद एक आरोप लगाए, बात यहीं खत्म नहीं हुई। मंगलवार को राज्य के राजमार्गों पर ‘गेट आउट रवि’ के पोस्टर्स लगाए गए थे। टीपीडीके कार्यकर्ताओं ने कोयम्बटूर में राज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी भी की। राजनीतिक दलों ने राज्यपाल आरएन से मांग की है कि रावि को उनके पद से हटाया जाए. आपको बता दें, प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल का पुतला भी फूंका।

 

‘नाडु’ शब्द में ऐसा क्या है जो हंगामा मचा

इस सारे विवाद को समझें तो एक बात साफ है- सारा बवाल ‘नाडु’ शब्द को लेकर तैयार किया गया है। राज्य का नाम तमिलनाडु है लेकिन राज्यपाल ने कहा कि इसका नाम बदल कर तमिझगाम रख देना चाहिए। दरअसल, ‘नाडु’ शब्द का अर्थ है जमीन। खबरों के अनुसार, तमिल इतिहास की गलत व्याख्या और अनुवाद में गलती के कारण नाडु शब्द का अर्थ देश या राष्ट्र-राज्य हो गया है। इस तरह यहाँ के राज्य को तमिल राष्ट्रवाद के रूप में देखा जाता है। जब राज्यपाल ने अपने बदले जाने की बात कही तो राजनीतिक दलों में हड़कंप मच गया।

 

तमिझगम ज़्यादा उपयुक्त शब्द

आपको बता दें, सदन में यह पहली बार नहीं है कि राज्यपाल ने तमिलनाडु के नाम को लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने 4 जनवरी को राजभवन में आयोजित शो में भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को लेकर एक अलग तरह की सोच विकसित हुई है. देशभर में जब भी कोई बात लागू होती है तो तमिलनाडु का जवाब होता है ‘नहीं’। यह एक आदत की तरह हो गया है। इसके बारे में बहुत कुछ लिखा जा चुका है कि यह गलत और बुरा है। इस सोच को बदलने की जरूरत है। सत्य की जीत होनी चाहिए। इसे कहने के लिए तमिझ्गम ज़्यादा उपयुक्त शब्द है।

 

 

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