नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को लेकर आज शाम वोटिंग खत्म हो गई है। मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में मतदान खत्म हो चुका है। पांचों राज्यों का एग्जिट पोल आज शाम सामने आने वाला है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये एग्जिट पोल आखिर होता क्या […]
नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को लेकर आज शाम वोटिंग खत्म हो गई है। मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में मतदान खत्म हो चुका है। पांचों राज्यों का एग्जिट पोल आज शाम सामने आने वाला है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये एग्जिट पोल आखिर होता क्या है? इससे कैसे पता चलता है कि किस राज्य किसकी सरकार बन सकती है?
बता दें कि एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे है, यह मतदान के दिन किया जाता है। इसमें वोट डालकर बाहर निकले वोटर्स से पता लगाया जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को अपना मत दिया है। इसके बाद प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण करके ये अंदाजा लगाया जाता है कि वहां पर किसकी सरकार बन सकती है। हालांकि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि एग्जिट पोल के आंकड़े हमेशा सही नहीं होते हैं। कई ऐसे कारक है जो एग्जिट पोल के आंकड़ों को प्रभावित कर सकता है जैसे अगर मतदाता झूठ बोल देते हैं कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है।
एग्जिट पोल सबसे पहले वर्ष 1936 में अमेरिका में हुआ था। क्लॉड रोबिंसन और जॉर्ज गैलप ने न्यूयॉर्क शहर में एक चुनावी सर्वेक्षण किया था। जिसमें उन्होंने वोट डालकर बाहर आ रहे मतदाताओं से पूछा कि राष्ट्रपति पद के लिए किस उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाला है। इस तरह से आंकड़ों का विश्लेषण करके उन्होंने अनुमान लगाया था कि फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट चुनाव जीतेंगे। बाद में रूजवेल्ट चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने। भारत में सबसे पहले एग्जिट पोल 1996 में हुई थी। सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज ने इसके द्वारा अनुमान लगाया था कि बीजेपी चुनाव जीतेगी और भाजपा ने ही जीत हासिल की। इसके बाद भारत में भी एग्जिट पोल का प्रभाव देखने को मिला।